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छत्तीसगढ़ SI भर्ती: अनशन करने को मजबूर अभ्यर्थी, कोर्ट के आदेश के बाद भी क्यों अटका है मामला?

छत्तीसगढ़ SI भर्ती से जुड़े अभ्यर्थियों ने रिजल्ट का मुद्दा गृह मंत्री विजय शर्मा के सामने भी उठाया. गृह मंत्री ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही रिजल्ट जारी किया जाएगा.

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छत्तीसगढ़ सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया साल अगस्त 2018 में शुरू हुई थी.

छत्तीसगढ़ में सब इंस्पेक्टर (SI) और प्लाटून कमांडर भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी एग्जाम का फाइनल रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से अनशन कर रहे हैं (Chhattisgarh SI recruitment exam). SI भर्ती परीक्षा पिछले 6 साल से अटकी हुई है. लिखित परीक्षा और फिजिकल टेस्ट होने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं हो पाई है. परीक्षा से जुड़े कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका भी लगाई थी. फिलहाल अभ्यर्थी फाइनल रिजल्ट जारी करने और जल्द नियुक्ति दिए जाने की गुहार कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती से जुड़ा पूरा मामला क्या है? कब ये भर्ती आई, कितने पदों के लिए थी, हाई कोर्ट ने भर्ती को लेकर क्या कहा, ये सब विस्तार से समझते हैं.

2018 आई थी वेकेंसी

छत्तीसगढ़ सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया अगस्त 2018 में शुरू हुई थी. परीक्षा सूबेदार, सब इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर (विशेष शाखा), प्लाटून कमांडर सहित कई अन्य पदों के लिए होनी थी. प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी. 2018 में जो वेकेंसी आई उसमें कुल 655 पद थे. दो साल बीत गए, एग्जाम नहीं हुआ. इस बीच राज्य में सरकार भी बदल गई. 2019 में कांग्रेस ने सरकार बनाई. नई सरकार ने 2021 में नए सिरे से SI भर्ती नोटिफिकेशन जारी किया. पोस्ट बढ़ा दी गईं. अब कुल पद हो गए 975. इसके बाद 2021 में फिर से फॉर्म भराया गया. कहा गया कि सितंबर 2022 में एग्जाम कराया जाएगा, लेकिन नहीं हुआ.

SI भर्ती परीक्षा की पहली प्रक्रिया जून 2022 में शुरू हुई. और ये 8 सितंबर, 2023 तक चली. परीक्षा की टाइमलाइन इस प्रकार है-

- शारीरिक नाप जोख: जून-जुलाई 2022
- प्रारम्भिक परीक्षा: 29 जनवरी, 2023 
- मुख्य परीक्षा: 26 मई, 2023 से 29 मई, 2023 तक
- शारीरिक दक्षता परीक्षा: 18 जुलाई, 2023 से 30 जुलाई, 2023 तक 
- इंटरव्यू: 17 अगस्त, 2023 से 8 सितंबर 2023 के बीच

भर्ती परीक्षा का मामला कोर्ट क्यों पहुंचा?

29 जनवरी, 2023 को प्री परीक्षा होने के बाद 16 मई, 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए एलिजिबल कैंडिडेट्स की सूची जारी की गई. इसमें प्लाटून कमांडर और अन्य पद मिलाकर 370 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ था. इसके बाद मेरिट सूची से वंचित कैंडिडेट्स ने हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर दीं. इन याचिकाओं में भर्ती में अनियमितता सहित नियमों का पालन न करने के आरोप लगाए गए.

याचिका में कहा गया कि कुल 975 पदों में से 247 पद प्लाटून कमांडर के थे. मेरिट सूची में 20 गुना अभ्यर्थी, माने कुल 14,560 अभ्यर्थी होने चाहिए थे. इसी तरह प्लाटून कमांडर के लिए 247 का 20 गुना, यानी 4,940 अभ्यर्थी शामिल होने चाहिए थे. लेकिन अभ्यर्थियों का आरोप था कि वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में 975 के हिसाब से 20 गुना अभ्यर्थियों के नाम मुख्य परीक्षा के लिए पात्र सूची में शामिल किए गए हैं, जो ‘मनमाना और अवैध’ है.

सही प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ!

याचिका में ये कहा गया कि इस लिस्ट में 6,013 महिला अभ्यर्थियों के नाम शामिल हैं. अगर सही प्रक्रिया का पालन होता तो 4,368 महिलाओं के नाम ही शामिल होते. वहीं प्लाटून कमांडर पद के लिए महिलाएं पात्र नहीं थीं, लेकिन फिर भी उन्हें मेरिट लिस्ट में शामिल किया गया. छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) ने 26 मई, 2023 से 29 मई, 2023 तक मुख्य परीक्षा आयोजित की थी. इसके बाद 5 जून, 2023 को पहला मॉडल आंसर जारी किया गया और 7 जून, 2024 तक इसके लिए दावा/आपत्ति मंगाए गए. याचिकाकर्ताओं ने इसको लेकर कोर्ट में आपत्ति जताई थी.

भर्ती परीक्षा की मेरिट लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी. मार्च 2024, में कोर्ट में एडवोकेट धीरज वानखेड़े ने सेलेक्टेड कैंडिडेट्स का पक्ष रखते हुए कहा कि व्यापमं ने सभी प्रक्रियाओं का पालन कर एग्जाम लिया. इसके बाद इंटरव्यू लेकर मेरिट सूची जारी की गई. उन्होंने सेलेक्ट हुए उम्मीदवारों को नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग की. सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एनके व्यास ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

कोर्ट ने क्या कहा?

20 मई, 2024 को बिलासपुर हाई कोर्ट ने भर्ती परीक्षा को लेकर अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने आदेश में कहा कि प्लाटून कमांडर की भर्ती के लिए मेरिट सूची में महिलाओं को शामिल करना गलत है. लिहाजा, महिला उम्मीदवारों का नाम हटाकर उनकी जगह पुरुष उम्मीदवारों को शामिल किया जाए. कोर्ट ने SI, प्लाटून कमांडर, सूबेदार भर्ती परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था. साथ ही राज्य सरकार को 45 दिनों के भीतर प्रक्रिया पूरी करने और वंचित पुरुष उम्मीदवारों का फिजिकल टेस्ट लेकर उनकी मेरिट सूची बनाने का आदेश दिया था.

पर कोर्ट के आदेश के पांच महीने बाद भी अभ्यर्थी प्रदर्शन और अनशन पर बैठने को मजबूर हैं. परीक्षा का फाइनल रिजल्ट अभी तक जारी नहीं किया गया है. SI अभ्यर्थी पूर्व सैनिक भीखम लाल साहू, जयमोहन प्रधान, महिला अभ्यर्थी श्रद्धा कर्ष 30 अन्य अभ्यर्थियों के साथ रायपुर में आमरण अनशन पर बैठे. रिजल्ट और नियुक्ति की मांग के लिए आमरण अनशन के समर्थन में लगभग 800-1000 अभ्यर्थी राजधानी रायपुर में अलग-अलग तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं.

SI भर्ती परीक्षा से जुड़े एक अभ्यर्थी ने नाम ने जाहिर करने की शर्त पर बताया,

“हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी हमारा रिजल्ट जारी नहीं किया जा रहा है. न ही हमें ये बताया जा रहा है कि किस वजह से रिजल्ट में देरी की जा रही है. हम सरकार तक से परीक्षा के रिजल्ट को लेकर कितनी बार गुहार कर चुके हैं, लेकिन हमारी कोई सुनने वाला नहीं है.”

एक अन्य अभ्यर्थी ने बताया,

“SI परीक्षा में शामिल कई अभ्यर्थी गरीब और किसान घर से आते हैं. ये सभी पिछले 5-6 वर्षों से तैयारी कर रहे हैं. SI भर्ती में अभ्यर्थियों का पूरा जीवन दांव पर लगा है. हम चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द मेरिट लिस्ट जारी करे और भर्ती प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति की जाए.”

छत्तीसगढ़ SI भर्ती से जुड़े अभ्यर्थियों ने रिजल्ट का मुद्दा गृह मंत्री विजय शर्मा के सामने भी उठाया. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही रिजल्ट जारी किया जाएगा. इतना ही नहीं, ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी कैबिनेट मीटिंग में भी इस पर चर्चा हो सकती है. बहरहाल, लगभग 6 सालों से अटकी भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों का कहना है कि वो 16 अक्टूबर को गृह मंत्री के निवास का घेराव करेंगे.

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