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चारधाम यात्रा में नहीं बना सकेंगे इंस्टा रील, 5 दिन में 11 मौतों के बाद उत्तराखंड सरकार का फैसला

चारधाम यात्रा (Char Dham yatra) को लेकर प्रशासन की तरफ़ से कई नए निर्देश जारी किए गए हैं. इनमें कहा गया है कि मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में रील या वीडियो बनाने पर बैन (Ban On Reels Within 50 Metre Radius Of Shrines) लगाया जाएगा. साथ ही, 31 मई, 2024 तक के लिए 'VIP दर्शन' को टाल दिया (Not To Have Any ‘VIP Darshan’ Till 31 May, 2024) गया है.

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मंदिर परिसर के 50 मीटर दायरे में रील बनाने पर बैन. (प्रतीकात्मक तस्वीर - इंडिया टुडे)

10 मई को चारधाम यात्रा (Char Dham yatra) शुरू होने के बाद से तीर्थयात्रियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. राज्य सरकार ने शुरुआती पांच दिनों में 11 तीर्थयात्रियों की मौत (11 deaths in Char Dham yatra) की ख़बर दी है. इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने राज्य के आला अफ़सरों के साथ बैठक की है. धामी ने अफ़सरों को निर्देश दिए हैं कि नियम के अनुसार ही यात्रा चलाई जाए. बिना रजिस्ट्रेशन दर्शन यात्रा की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. लोगों की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ ना हो. सख़्ती के साथ चेकिंग होनी चाहिए. इसके अलावा प्रशासन की तरफ़ से 31 मई, 2024 तक किसी भी 'VIP दर्शन' के लिए अनुमति ना देने की बात कही है (Not To Have Any ‘VIP Darshan’ Till 31 May, 2024) . साथ ही, मंदिर परिसर के 50 मीटर दायरे में रील या वीडियो बनाने पर भी मनाही (Ban On Reels Within 50 Metre Radius Of Shrines) की गई है.

इस बीच राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यात्रा को लेकर कुछ नए निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में वीडियो शूट करने या रील बनाने पर रोक लगा दी गई है. सीएम धामी के निर्देशानुसार श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है. साथ ही उन्होंने 'VIP दर्शन' के बारे में भी जानकारी दी है. राधा रतूड़ी ने बताया कि चारधाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार इजाफ़ा हो रहा है. इसलिए बेहर प्रबंधन के लिए हमने 31 मई, 2024 तक किसी भी 'VIP दर्शन' के लिए अनुमति नहीं देने का फ़ैसला लिया है.

इस बीच गढ़वाल के कमिशनर विनय शंकर पांडे ने आश्वस्त किया कि व्यापक स्वास्थ्य जांच के लिए उपाय किए गए हैं. साथ ही तीर्थयात्रियों से किसी भी चिकित्सीय स्थिति बारे में विस्तार से बताने की भी विनती की है. उन्होंने बताया,

“आने वाले भक्तों को उनके मेडिकल हिस्ट्री के डिटेल के लिए फ़ॉर्म दिए जा रहे हैं. श्रद्धालुओं के लिए अपने स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी देना अनिवार्य है. चारों धाम काफी ऊंचाई पर स्थित हैं, जो गर्म जलवायु से आने वाले लोगों के लिए चुनौती खड़ी कर रही है. मरने वाले ज़्यादातर लोग बुजुर्ग हैं, जो सांस लेने में दिक़्क़त जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे.”

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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, इससे पहले मुख्य सचिव रतूड़ी ने कहा था कि चारधाम तीर्थस्थलों के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. उन्होंने कहा था कि उन लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जाएगा, जो चारधाम यात्रा के बारे में रील बनाते और ग़लत सूचना फैलाते हुए पकड़े जाएंगे. बता दें कि चारधाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी. शुरुआती 6 दिनों में देश-विदेश से 3,34,732 लोगों पूजा-अर्चना के लिए तीर्थस्थलों पर पहुंच चुके हैं. यात्रा के लिए 25 अप्रैल से पंजीकरण शुरू हुआ था. 16 मई की शाम तक 270,000 से ज़्यादा श्रद्धालु इसके लिए पंजीकरण करा चुके थे.

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