कोरोना वैक्सीन (Covid Vaccine) से हुई मौतों को लेकर केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ किया है. सरकार ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन की वजह से हुई कथित मौतों की जिम्मेदारी सरकार की नहीं है. इसके अलावा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ये भी बताया कि सरकार द्वारा पब्लिक इंट्रेस्ट में COVID-19 वैक्सीन को प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन वैक्सीन लगवाने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है.
कोरोना वैक्सीन पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बड़ी बात मानी है
कोरोना वैक्सीनेशन के बाद हुई मौतों को लेकर याचिका डाली गई थी.
दरअसल, कोविड वैक्सीन से हुई मौतों के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका फाइल की गई थी. आज तक से जुड़े संजय शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, पिटीशन में ये मांग की गई थी कि कोविड वैक्सीन से हुई मौत के मामलों की स्वतंत्र जांच कराई जाए. इसके अलावा याचिका में ये भी कहा गया था कि वैक्सीन लगने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स (AEFI) का भी पता लगाया जाए. इसके लिए एक विशेष पैनल बनाने का आग्रह भी किया गया था. पैनल को इन साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए उपायों की खोज करने का आदेश देेने की बात कही गई थी.
इधर, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए जवाब में कहा है कि वैक्सीन से हुई मौतों की जिम्मेदारी उसकी नहीं है. केंद्र सरकार ने कहा कि मृतकों और उनके परिजनों के प्रति उसकी पूरी हमदर्दी है. लेकिन वैक्सीन से होने वाले किसी भी तरह के साइड इफेक्ट (AEFI) के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने जवाब दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने याचिकाकर्ता की मुआवजे की मांग को भी खारिज कर दिया है. मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट से हुई मौतों और मुआवजे के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार मानना कानूनी रूप से उचित नहीं है. इसके लिए सिविल कोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है.
ये मामला साल 2021 में दो युवतियों की कथित मौत से जुड़ा हुआ है. कोविड वैक्सीन लगने के बाद दोनों की मौत हो गई थी. जिसके बाद दोनों के माता-पिता ने कोर्ट में पिटीशन दायर की थी. केंद्र सरकार ने युवतियों की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि AEFI कमेटी ने सिर्फ एक मामले में वैक्सीन के साइड इफेक्ट होने की बात कही थी. सरकार की ओर से आगे कहा गया जिन मामलों में कोरोना वैक्सीन के कारण मौत हुई है, उन मामलों में सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर मुआवजा मांगा जा सकता है.
सरकार ने पेश किए आंकड़ेमीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार की तरफ से कुछ आंकड़े भी पेश किए गए. कोर्ट को दिए अपने जवाब में सरकार ने बताया कि 19 नवंबर 2022 तक देश में कुल 219 करोड़ वैक्सीन लगाई गई हैं. इनमें से 92 हजार 114 केस ऐसे थे जहां AEFI, यानी वैक्सीन के बाद साइड इफेक्ट रिपोर्ट किए गए थे. इन मामलों में 89 हजार 332 मामले ऐसे थे, जहां मामूली साइड इफेक्ट देखे गए. वहीं केवल 2 हजार 782 मामलों (कुल मामलों का 0.00013 प्रतिशत) में मौत या गंभीर साइड इफेक्ट देखने को मिले थे.
इधर केरल हाई कोर्ट ने हाल ही में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को कुछ निर्देश दिए थे. कोर्ट ने NDMA को कोविड-19 वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट के कारण होने वाली मौतों के मामलों की पहचान करने और ऐसे पीड़ितों के आश्रितों को मुआवजा देने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया था.
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