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ये 49 दवाएं बेहद घटिया क्वालिटी की निकलीं, इनमें से कई तो आप रोज खाते हो!

CDSCO की तरफ़ से 3,000 दवाओं के सैंपल लिए गए, इनमें 49 दवाएं Quality Test में फेल हो गईं. कई दवाएं तो मशहूर कंपनियों की भी हैं.

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CDSCO ने सितंबर के लिए अपनी मासिक रिपोर्ट जारी की है. (प्रतीकात्मक तस्वीर - PTI)
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मिलन शर्मा

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने 49 दवाओं की लिस्ट जारी की है, जो क्वालिटी स्टैैंडर्ड को पूरा नहीं करती हैं. इनमें लाइफ मैक्स कैंसर लैबोरेटरीज द्वारा बनाई गई कैल्शियम 500 mg और विटामिन डी3 की टैबलेट शामिल हैं. फर्ज़ी कंपनियों की बनाई कई दवाएं भी पकड़ी गई हैं.

CDSCO ने सितंबर के लिए अपनी मासिक रिपोर्ट जारी की है. इसमें कुल 3,000 दवाओं के सैंपल लिए गए थे. इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, जो दवाएं क्वालिटी स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करतीं, उन्हें बैच-वार आधार पर वापस मंगाया गया है. पब्लिक सेफ्टी को सुनिश्चित करने के लिए CDSCO लगातार ऐसी कोशिशें कर रहा है. क्वालिटी स्टैंडर्ड को पार ना कर पाने वाली दवाओं में हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स की मेट्रोनिडाजोल टैबलेट, रेनबो लाइफ साइंसेज की डोमपेरिडोन टैबलेट और पुष्कर फार्मा का ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन भी शामिल है.

वहीं, स्विस बायोटेक पैरेंटरेल्स की मेटफॉर्मिन और एल्केम लैब्स की पैन 40 दवाएं भी इसमें शामिल हैं. कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की बनाई गई पैरासिटामोल टैबलेट को ख़ासकर गुणवत्ता संबंधी मुद्दों के लिए हाइलाइट किया गया है. इसके अलावा, लिस्ट में गौज रोल, नॉन-स्टेराइल रोलर बैंडेज और डिक्लोफेनाक सोडियम टैबलेट भी शामिल हैं.

हालांकि, इसे लेकर CDSCO प्रमुख राजीव सिंह रघुवंशी ने बताया कि टेस्ट की गई दवाओं में से सिर्फ़ 1-2% ही क्वालिटी के बेंचमार्क पर खरी नहीं उतर पाईं. उनका कहना है, ‘ये दर्शाता है कि कड़े निगरानी उपायों से घटिया दवाओं के उत्पादन पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा रहा है.’ बताया जाता है कि CDSCO द्वारा जारी की जाने वाली ये मंथली लिस्ट, बाज़ार में नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी (NSQ) वाली दवाओं की मौजूदगी को कम करने की कोशिशों का हिस्सा है.

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इससे पहले भी ख़बर आई थी कि 53 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गईं. CDSCO ने 53 दवाओं के लिए ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी’ (NSQ) अलर्ट जारी किया था. बताते चलें, CDSCO ने अगस्त में भारतीय बाजार में 156 से ज्यादा फिक्स्ड -डोज ड्रग कॉम्बिनेशन को बैन किया था. जिनसे लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने का अनुमान था. इन दवाओं में बुखार की दवाएं, पेनकिलर्स और एलर्जी टैबलेट शामिल थीं.

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