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कार से थी इतनी मोहब्बत, बेचा नहीं, 4 लाख खर्च कर 'अंतिम संस्कार' करवाया, वीडियो वायरल

गुजरात के अमरेली जिले में एक परिवार ने अपनी 12 साल पुरानी Wagon R कार का पूरे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया. उन्होंने बताया है कि ऐसा क्यों किया.

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गुजरात में एक परिवार ने अपनी पुरानी Wagon R को दी सम्मानजनक विदाई (फोटो- सोशल)

किसी प्रसिद्ध गीतकार ने कुछ दशक पहले लिखा था- ‘रिश्तों के भी रूप बदलते हैं, नए-नए सांचे में ढलते हैं.’ और एक ऐसा ही अनोखा रिश्ता देखने को मिला गुजरात के एक परिवार में. इंसान और उसकी कार के बीच. ज़रा इस मंज़र पर ध्यान दीजिए. JCB की मदद से एक 15 फीट गहरा गड्ढा खोदा जा रहा है. कुछ लोग उस गड्ढे में उतरकर पूजा-पाठ कर रहे हैं. मंत्रों का उच्चारण हो रहा है. फिर हरे रंग के कपड़े में लिपटी एक कार. Wagon R कार. फूल-मालाओं से लदी हुई. उस गड्ढे में उतारी जाती है. और फिर उसे वहां दफ़न कर दिया जाता है. और इस तरह से कार का ‘अंतिम संस्कार’ संपन्न होता है.

घटना राज्य के अमरेली ज़िले की है. यहां एक परिवार ने अपने 12 साल पुरानी कार का पूरे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ ‘अंतिम संस्कार’ किया. कार की अंतिम विदाई में क़रीब डेढ़ हजार लोग आए. इस कार्यक्रम में कार मालिक के चार लाख रुपए खर्च हुए. इस घटना की तस्वीरें और वीडियोज इंटरनेट पर वायरल हैं. 

कार के मालिक संजय पलोरा ने बताया,

“मैंने यह कार लगभग 12 साल पहले खरीदी थी और इससे परिवार में समृद्धि आई. हमने व्यवसाय में अपार सफलता देखी और हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा में सुधार हुआ. यह कार हमारे परिवार के लिए काफ़ी लकी साबित हुई. इसलिए इसे बेचने के बजाय हमने इसे एक श्रद्धांजलि के रूप में समाधि देने का फैसला किया."

संजय पलोरा सूरत में कंस्ट्रक्शन का व्यापार करते है. उन्होंने कहा कि उनके परिवार की तरक्की में कार का बड़ा योगदान है. ये उनके परिवार का लकी चार्म है. इसलिए पूरी धार्मिक विधियों से उन्होंने कार को अंतिम विदाई दी. परिवार के लोगों ने कार के चारों तरफ़ गरबा भी किया. और इस तरह से लगभग एक दशक पुराने अपने परिवार के सदस्य को सभी ने अलविदा कह दिया.

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