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जयशंकर ने UN में सुनाया तो कनाडा ने किस बात का जिक्र कर कहा- "झुकेंगे नहीं"?

UN General Assembly में S Jaishankar ने नाम लिए बिना ही कनाडा और वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को संदेश दे दिया. अब इसी मंच से UN में कनाडा के स्थाई प्रतिनिधि Bob Rae की प्रतिक्रिया सामने आई है.

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कनाडा के प्रतिनिधी बॉब राय की प्रतिक्रिया सामने आई

UN General Assembly में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) के संबोधन के बाद कनाडा की तरफ से भी बयान आया है. एस जयशंकर ने 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78 वें सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर नाम लिए बिना ही कनाडा और वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को संदेश दे दिया. इसके बाद अब इसी मंच से UN में कनाडा के स्थाई प्रतिनिधि बॉब रे (Bob Rae) की प्रतिक्रिया सामने आई है.

बॉब रे के मुताबिक, विदेशी हस्तक्षेप के कारण उनके देश का लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि हम समानता के महत्व पर बहुत जोर देते हैं. हमें स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाज के मूल्यों को भी कायम रखना है. हम राजनीतिक लाभ के लिए द्विपक्षीय संबंधों के नियमों को तोड़-मरोड़ नहीं सकते हैं क्योंकि हमने देखा है और देखना जारी रखा है कि विदेशी हस्तक्षेप के विभिन्न माध्यमों से लोकतंत्र किस हद तक खतरे में है. उन्होंने कहा कि वो राजनीतिक लाभ के लिए झुकेंगे नहीं.

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बॉब रे ने आगे कहा कि लेकिन सच्चाई ये है कि अगर वो उन नियमों का पालन नहीं करते हैं, जिन पर वो सहमत हैं तो हमारे खुले और स्वतंत्र समाज का ताना-बाना टूटना शुरू हो जाएगा.

जयशंकर ने क्या कहा?

इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सियासी सहूलियत के हिसाब से आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर एक्शन नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपनी सहूलियत के हिसाब से क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं हो सकता. भारतीय विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि जब वास्तविकता बयानबाजी से दूर हो जाती है, तो हमारे अंदर उसे सामने लाने का साहस होना चाहिए.

इस बयान पर ऐसा माना जा रहा है कि एस जयशंकर का इशारा कनाडा की ओर ही था. वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में अपने देश की संसद में आरोप लगाया था कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल हो सकते हैं. ट्रूडो ने ये भी कहा था कि उनकी सरकार के पास इस हत्या के खुफिया सबूत हैं. भारत इन आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर चुका है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में एस जयशंकर ने आगे कहा, 

“वो दिन चले गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और दूसरे देशों से उसके हिसाब से चलने की उम्मीद करते थे.”

उन्होंने कहा,

“हालांकि, अभी भी कुछ देश ऐसे हैं जो एजेंडा को शेप देते हैं और नियमों को गढ़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं चल सकता.”

एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया इस वक्त उथल-पुथल का असाधारण दौर देख रही है. ऐसे हालात में असाधारण जिम्मेदारी की भावना के साथ भारत ने सफलतापूर्वक G20 की अध्यक्षता संभाली. उन्होंने कहा कि कूटनीति और बातचीत से ही तनाव घट सकते हैं.

जयशंकर ने कहा कि G20 समिट ने साबित कर दिया है कि दुनिया में ध्रुवीकरण के बीच कूटनीति और संवाद ही एकमात्र प्रभावी समाधान है. नई दिल्ली में हुए G20 सम्मेलन से जो कुछ हासिल हुआ उसकी गूंज आने वाले कई सालों तक सुनने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत कई साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है.