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'भारत लाखों लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा', जस्टिन ट्रूडो ने अब किस बात पर मोदी सरकार को घेरा?

ट्रूडो ने कहा कि वे लाखों भारतीय कनाडाई लोगों की भलाई और खुशी के लिए बहुत चिंतित हैं.

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जस्टिन ट्रूडो ने फिर भारत को घेरा (फोटो- इंडिया टुडे)

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच शुरू हुआ विवाद अब तक नहीं थम पाया है. कनाडाई राजनयिकों पर भारत की कार्रवाई को लेकर अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने फिर से नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि भारत की ये हरकत लाखों लोगों का जीवन “मुश्किल” में डाल रही है. इस बयान के एक दिन पहले ही कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने की घोषणा की थी.

भारत ने कुछ दिन पहले कनाडा से अपने राजनयिकों की संख्या कम करने को कहा था. चेताया गया था कि ऐसा नहीं करने पर सुरक्षा वापस ले ली जाएगी. अब राजनयिकों को वापस बुलाने की घोषणा के बाद 20 अक्टूबर को ओन्टारियो में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रूडो ने कहा,

“भारत सरकार भारत और कनाडा में लाखों लोगों के लिए जीवन को अविश्वसनीय रूप से मुश्किल बना रही है. वे कूटनीति के एक बहुत ही बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन कर रहे हैं. मैं लाखों भारतीय कनाडाई लोगों की भलाई और खुशी के लिए बहुत चिंतित हूं."

ट्रूडो ने आगे कहा,

“कनाडा के राजनयिकों को निकालने से ट्रैवल और बिजनेस में बाधा आएगी और कनाडा में पढ़ने वाले भारतीयों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी.”

बता दें, कनाडा में करीब 20 लाख भारतीय रहते हैं जो वहां की कुल आबादी का पांच फीसदी है. कनाडा में बाहर से पढ़ने गए छात्रों में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की ही है.

भारत ने क्या किया? 

18 सितंबर को कनाडा ने भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया और भारत के एक डिप्लोमैट को भी निकाल दिया. जवाब में भारत ने भी उनके एक डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया था. भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं भी बंद कर दीं. खबर आई कि भारत ने कनाडा से दिल्ली में मौजूद कनाडाई राजनयिकों की संख्या को कम करने को कहा है.

भारत ने कथित तौर पर कई डिप्लोमैट्स के राजनयिक अधिकारों को खत्म करने की बात कही. इसके बाद कनाडा ने 41 डिप्लोमैट्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें वापस बुला लिया. भारत में अब कनाडा के सिर्फ 21 राजनयिक बचे हैं.

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बाइडन क्या बोल रहे हैं? 

दोनों देशों के बीच इस नए तनाव पर अमेरिका का भी बयान आया है. अमेरिका ने 20 अक्टूबर को कनाडाई राजनयिकों के भारत से जाने पर चिंता व्यक्त की और उम्मीद जताई कि भारत राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन का पालन करेगा. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा,

“मतभेदों को सुलझाने के लिए जमीनी स्तर पर राजनयिकों की जरूरत होती है. हमने भारत सरकार से कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में कमी पर जोर ना देने और कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है.”

मिलर ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि भारत राजनयिक संबंधों पर 1961 वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बरकरार रखेगा.