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'निज्जर' उल्टा पड़ गया, कनाडाई मीडिया और अपने ही MP ने ट्रूडो की नीयत पर खड़े किए सवाल

Justin Trudeau ने भारत के खिलाफ कई देशों से समर्थन भी बटोर लिया था. हालांकि, अब उनके देश में ही उन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

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बैकफायर कर गया है ट्रूडो का दावा? (तस्वीर - ट्विटर)

भारत-कनाडा (India-Canada relations) के बिगड़ते हुए रिश्तों के बीच कनाडा की मीडिया ने उनके प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर सवाल खड़े किए हैं. कनाडाई मीडिया का कहना है कि निज्जर मुद्दे को जिस तरह से हैंडल किया गया है, वो ट्रूडो के खिलाफ बैकफायर कर गया है. दावा किया जा रहा है कि ट्रूडो इस पूरे मुद्दे से अपनी गिरती हुई रेटिंग को बेहतर करना चाहते हैं. मीडिया के साथ साथ ट्रूडो के लिबरल पार्टी के एक सासंद ने भी उनके खिलाफ सवाल खड़े किए थे.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के अंग्रेजी अख़बार 'द नेशनल पोस्ट' ने एक एडिटोरियल में लिखा,

'हमें ये याद रखना चाहिए कि ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं, वो अभी तक साबित नहीं हुए हैं. उन्होंने अब तक कनाडाई लोगों को भी सबूत नहीं दिया है.'

इस एडिटोरियल में अख़बार ने ट्रूडो की वेग भाषा और किसी भी किस्म की जानकारी के ना होने पर सवाल खड़े किए. इस रिपोर्ट में आगे लिखा था,

'अगर बाद में पता चलता है कि ट्रूडो ने ये पूरा मुद्दा बिना तैयारी के शुरू किया है, तो इस पर खूब बवाल होगा. इसका असर घरेलू और जियोपॉलिटिकल मसलों पर पड़ेगा.'

क्या है ट्रूडो की रेटिंग?

'एंगस रीड इंस्टीट्यूट' नाम की एक कनाडाई रिसर्च फर्म ने हाल ही में एक सर्वे किया. इस सर्वे में ट्रूडो की बतौर प्रधानमंत्री सिर्फ 33 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग है. चिंता की बात उनकी डिसअप्रूवल रेटिंग है, जो 63 प्रतिशत है. एक दूसरे सर्वे में सामने आया कि कनाडा में विपक्ष के नेता पियरे पोइलीवरे को कनाडाई लोग पीएम के लिए चुन रहे हैं. IBSO पोलिंग के मुताबिक कन्सर्वटिव पार्टी के नेता को 39 प्रतिशत वोट मिलेंगे. वहीं ट्रूडो की लिबरल पार्टी के खाते में सिर्फ 30 प्रतिशत वोट आए.

लिबरल पार्टी को संसद में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन मिला हुआ है. 24 सांसदों का ये समर्थन अगर वापस ले लिया जाए, तो ट्रूडो की सरकार गिर जाएगी. इस पार्टी के मुखिया जगमीत सिंह हैं, जो खालिस्तानी मूवमेंट का समर्थन करते हैं.

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सरकार पर और भी आरोप

ट्रूडो और लिबरल पार्टी की सरकार पर और भी आरोप लगे हैं. कहा गया है कि हरदीप सिंह निज्जर को 'देवता' बनाने की कोशिश की गई. इसके बाद सोशल मीडिया पर हरदीप के वीडियोज़ वायरल हुए, जिनमें वो असॉल्ट हथियार चलाते दिख रहा था. उसने भारतीय राजनेताओं और एक आर्मी जनरल की मौत का जश्न भी मनाया, ये वीडियो भी वायरल हुआ. ऐसे में सवाल खड़ा किया गया, कि क्या कनाडा सरकार 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' की आड़ में ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही थी.

'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) के मुखिया और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया. इसमें उसने कनाडाई भारतीयों को वापस भारत जाने की धमकी दी थी. ट्रूडो की सरकार ने इस वीडियो के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया था. बता दें, गुरपतवंत सिंह पन्नू हरदीप सिंह निज्जर के वकील भी हैं.

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चंद्र आर्य ने क्या कहा?

चंद्र आर्य एक भारतीय-कनाडाई मूल के नेता हैं. ट्रूडो की लिबरल पार्टी के इस नेता ने कई ट्वीट्स कर सरकार के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने गुरपतवंत सिंह पन्नू पर भी सवाल खड़ा किया है. ट्वीट कर चंद्र आर्य ने लिखा,

'कनाडा के सिख समुदाय का एक बड़ा हिस्सा खालिस्तान की मांग का समर्थन नहीं करता है. ज्यादातर कनाडाई सिख भले ही सार्वजनिक तौर से खालिस्तान मूवमेंट की निंदा नहीं करते हों, पर उनका भारतीय-कनाडाई समुदाय से गहरा रिश्ता है. कनाडाई हिंदू और सिख पारिवारिक रिश्तों से जुड़े हुए हैं. इन समुदायों में सामाजिक और कल्चरल रिश्ते हैं.'

लिबरल पार्टी के इस नेता ने आगे लिखा,

'मैं ये नहीं समझ पा रहा हूं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आतंकवाद का महिमामंडन या किसी धार्मिक समूह को निशाना बनाकर किए जाने वाले हेट क्राइम की अनुमति कैसे दी जा सकती है. अगर कोई श्वेत कनाडाई किसी दूसरे नस्ल के पर हमला करे, या उन्हें देश से बाहर करने की बात कहे, तो पूरे देश में आक्रोश फैल जाएगा. लेकिन जाहिर तौर पर ये खालिस्तानी नेता (गुरपतवंत सिंह पन्नू) इस हेट क्राइम से बच सकता है.'

क्या है पूरा मामला?

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ हो सकता है. ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार के पास इसका सबूत भी है. कनाडा सरकार की मांग है कि भारत को कार्रवाई में सहयोग करना चाहिए. वहीं, भारत ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. कनाडाई लोगों के लिए अनिश्चितकाल के लिए वीज़ा सर्विस भी सस्पेंड कर दी गई है. ऐसे में कनाडा में मीडिया और नेता, दोनों का मानना है कि ट्रूडो का ये कदम बैकफायर कर गया हो. 

वीडियो: 'सबूत दिखाओ' ट्रूडो पर कनाडा के ही विपक्षी नेता ने खड़े किए सवाल, आतंकी निज्जर पर घिरे