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'आज चुनाव हुए तो निपट जाएंगे जस्टिन ट्रूडो', कनाडा में हुए सर्वे ने खोली पोल

कनाडा में हुए राजनीतिक सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव हो जाएं तो जस्टिन ट्रूडो की सरकार नहीं रहेगी. जानें सर्वे में लोगों ने क्या-क्या कहा? पिछले चुनाव में भी खालिस्तान समर्थक नेता की मदद से ही बनी थी ट्रूडो की सरकार.

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जस्टिन ट्रूडो की पार्टी पिछले चुनाव में भी बहुमत से काफी दूर रह गई थी | फाइल फोटो: इंडिया टुडे

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Canada PM Justin trudeau) के एक बयान के चलते कनाडा और भारत के संबंधों में तनाव आ गया है. लेकिन, अब एक ऐसी खबर आई है जिसे सुनकर जस्टिन ट्रूडो खुद बहुत टेंशन में आ जाएंगे. उनके काम को लेकर एक सर्वे हुआ है, जिसमें कनाडा के अधिकांश लोगों ने उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर रिजेक्ट कर दिया है. सर्वे में कनाडा की कंजर्वेटिव पार्टी और विपक्ष के नेता पियरे पोइलिवरे (Pierre Poilievre) लोगों की पहली पसंद बने हैं. यानी कनाडा में अगर अभी चुनाव हो जाएं, तो जस्टिन ट्रूडो की सत्ता से छुट्टी हो सकती है.

कनाडा में 2025 में आम चुनाव होने हैं. इससे पहले कनाडा की रिसर्च और सर्वे से जुड़ी कंपनी इप्सोस (Ipsos) ने ये सर्वे किया है. इसमें विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे को 40 फीसदी लोगों ने पीएम पद के लिए सबसे योग्य माना है. जबकि जस्टिन ट्रूडो के पक्ष में सिर्फ 31 फीसदी लोग हैं. वहीं कनाडा की तीसरी बड़ी पार्टी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह धालीवाल को 22 फीसदी लोग प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं.

लोग क्यों जस्टिन ट्रूडो से नाराज?

सर्वे कंपनी इप्सोस के सीईओ डैरेल ब्रिकर ने इस सर्वे पर बयान दिया है. उन्होंने बताया,

'जब आप इस बात पर गौर करते हैं कि कनाडाई इस समय ऐसा क्यों महसूस कर रहे हैं. और सर्वे में लोगों ने ट्रूडो से पहले पियरे को क्यों चुना? इसके पीछे वजह है. असल में देश की दिशा को लेकर लोगों में असंतोष है. खासकर ये असंतोष उन बड़े मुद्दों से जुड़ा है जो लोगों के व्यक्तिगत एजेंडे में शामिल हैं.'

डैरेल ब्रिकर के मुताबिक कनाडा में बढ़ी हुई महंगाई, जीवन यापन के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत और महंगे होते घर, देश के लोगों के बीच सबसे बड़े मुद्दे हैं.

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ट्रूडो राजनीति के चक्कर में ये सब कर रहे! 

IPSOS का सर्वे ऐसे वक्त पर आया है जब भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तल्खी बढ़ी हुई है. 18 सितंबर को कनाडाई संसद में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के बीच संभावित कनेक्शन का दावा किया था. इसके बाद से दोनों देशों के बीच स्थिति गंभीर है. कनाडाई सरकार ने अब तक इस दावे से जुड़ा कोई सबूत जारी नहीं किया है.

इधर, भारत ने कनाडा के आरोपों को सिरे से नकार दिया है. भारत ने अनिश्चितकाल के लिए कनाडा के लिए वीजा सस्पेंड कर दिया है. साथ ही साथ कनाडा से कहा गया है कि वो भारत में भेजे गए अपने राजनयिकों की संख्या कम करे. 

कई जानकारों का मानना है कि जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर के मर्डर को सियासी टूल के तौर पर इस्तेमाल किया है, क्योंकि देश में उनकी लोकप्रियता लगातार घट रही है. 2021 के चुनाव में भी उनकी लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा (LPC) को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. उनकी पार्टी को खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह धालीवाल की NDP ने समर्थन दिया था, तब सरकार बनी थी. आज भी NDP की मदद से ही ट्रूडो की सरकार चल रही है.

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