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कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से PhD की, फिर भी 70 बार रिजेक्ट हुई तब जाकर मिली नौकरी

मारिका निहोरी ने अक्टूबर 2024 में अपनी पढ़ाई पूरी की. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी डिग्री पूरी होने की खुशी जाहिर की थी. उन्हें लगा था कि अब वो शानदार साइंस या टेक्नोलॉजी फर्म में काम करेंगी. उनकी लाइफ सेट हो जाएगी. लेकिन महीनों की मेहनत के बावजूद उन्हें कहीं भी नौकरी नहीं मिली.

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मारिका निहोरी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से PHD की डिग्री हासिल की. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में PhD करने के बाद आप क्या उम्मीद करेंगे? शायद एक शानदार नौकरी, बेहतरीन करियर और एक चमकदार भविष्य. यही सोचा था मारिका निहोरी ने भी. जब उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की. लेकिन हकीकत सपनों से अलग निकली. मारिका को लगा था कि अब उन्हें सपने पूरे करने से कोई रोक नहीं सकता. लेकिन असल ज़िंदगी में उन्हें बार-बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. नौकरी की तलाश में दर-दर भटकना पड़ा. रिसर्च और पढ़ाई में माथा खपाने के बाद भी हाथ लगी तो बस बेरोजगारी. जो बताती है कि बड़ी डिग्री भी कभी-कभी बड़ी नौकरी की गारंटी नहीं होती.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मारिका निहोरी ने अक्टूबर 2024 में अपनी पढ़ाई पूरी की. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी डिग्री पूरी होने की खुशी जाहिर की थी. उन्हें लगा था कि अब वो शानदार साइंस या टेक्नोलॉजी फर्म में काम करेंगी. उनकी लाइफ सेट हो जाएगी. लेकिन महीनों की मेहनत के बावजूद उन्हें कहीं भी नौकरी नहीं मिली. खुद मारिका के मुताबिक, 70 से ज्यादा बार उन्हें रिजेक्शन झेलना पड़ा. इससे वो काफी तनाव और निराशा में चली गईं.

मारिका ने इंस्टाग्राम पर अपने कई पोस्ट में अपने अनुभव को दर्ज किया है, जो अब वायरल हो रहे हैं. एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मुझे नहीं लगा था कि नौकरी की तलाश इतनी मुश्किल होगी. हर कोई कहता था कि PhD करने से बहुत सारे दरवाजे खुलेंगे. जबकि हकीकत वास्तव में ऐसी नहीं थी. मैं अक्सर अपनी तुलना उन दोस्तों से करती हूं जिन्होंने PhD नहीं की. सोचती हूं कि उनकी जिंदगी कैसी होगी. मैं देखती हूं कि बाकी सब अपने करियर और जिंदगी में आगे बढ़ रहे हैं.”

निहोरी ने आगे लिखा, “मुझे नहीं लगा था कि मुझे ‘करियर ब्रेक’ लेना पड़ेगा. मैं लगातार अकेलेपन की उस भावना से जूझती हूं. लंदन जैसे शहर में भी, जहां हर कोई अपने रास्ते पर चलता नजर आता है. हाई स्कूल या यूनिवर्सिटी जैसे दिन कभी नहीं आते. जब आप हर दिन अपने दोस्तों के साथ समय बिता सकें. और यह बात बहुत चुभती है.”

एक अन्य पोस्ट में निहोरी ने बताया कि उन्हें हाल ही में एक बायोटेक स्टार्टअप में नौकरी मिल गई है. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि यह दिन आएगा.

मारिका की कहानी ने नौकरी को लेकर लोगों के बीच बहस छेड़ दी है. उनकी पोस्ट पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इल्या पोंसिन नाम के यूजर ने लिखा, “यदि कैम्ब्रिज से PhD करने वाले को नौकरी नहीं मिल सकती, तो बाकी लोगों के लिए कोई उम्मीद नहीं है.”

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बटर ब्रोटल नाम की इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा, “यह वास्तव में बहुत आम बात है कि लोग किसी नौकरी के लिए जरूरत से ज्यादा योग्य होते हैं. फिर भी उन्हें नौकरी नहीं मिलती.”

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एक अन्य यूजर ने अनुभव लेने की सलाह देते हुए लिखा, “सिर्फ डिग्री से नौकरी नहीं मिलेगी. पहले आपको अनुभव की जरूरत होगी.”

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तसमिया ने दावा किया कि उनकी कहानी भी मारिका जैसी है. उन्होंने लिखा, “मैंने हाल ही में यूके से कैंसर रिसर्च में अपनी PhD पूरी की है. तब से नौकरी की तलाश कर रही हूँ, और अभी भी बेरोजगार हूँ.

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मारिका की कहानी पर आपका क्या कहना है हमें कॉमेंट करके बताएं. 

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