The Lallantop

जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस्तीफा दिया, किस पार्टी में जा रहे ये भी साफ कर दिया

Calcutta High Court के Judge Abhijit Gangopadhyay BJP में शामिल होने वाले हैं. मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने इसकी जानकारी दी है. आज सुबह ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है.

post-main-image
बीजेपी में शामिल होंगे जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय. (Photo - ANI)

कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस्तीफा दे दिया है और जल्दी ही राजनीति में एंट्री करने वाले हैं. किस पार्टी से? भारतीय जनता पार्टी से. इसे लेकर पहले ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय BJP में शामिल हो सकते हैं. इस्तीफे से पहले ही अभिजीत गंगोपाध्याय ने TMC से अपने कटु संबंधों को लेकर खुलकर बात की थी. तब उन्होंने नहीं बताया था कि इस्तीफे के बाद वो किस पार्टी में जाएंगे. अब खबर आई है कि आने वाली 7 मार्च को वो BJP जॉइन करेंगे.

खबरों के मुताबिक जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा है कि BJP ही एकमात्र पार्टी है जो TMC जैसी पार्टी का मुकाबला कर सकती है. उन्होंने कहा,

“पार्टी में मेरी क्या भूमिका होगी, ये पार्टी तय करेगी. मैंने अब BJP में शामिल होने का फ़ैसला लिया है, क्योंकि विपक्ष ने मुझे मैदान में लड़ने की चुनौती दी है.”

हाल ही में कोलकाता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने न्यायिक जिम्मेदारियों को छोड़कर राजनीति में आने का फ़ैसला लिया था. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इसके बारे में बताया. उनका कहना था कि वो जल्द ही इस्तीफा देने वाले हैं. उनके इस बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तरफ से उनका विरोध किया गया. वहीं कांग्रेस और BJP ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया था.

ये भी पढ़ें - ममता बनर्जी से लेकर CJI चंद्रचूड़ तक से बैर पालने वाले जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय कौन?

जस्टिस गंगोपाध्याय 2018 में हाई कोर्ट के जज बने थे. उसके बाद से ही वो विवादों में रहे. उन पर बड़ी बेंच के आदेशों की अनदेखी करने, इंटरव्यू देने को लेकर आरोप लगते रहे. विवाद में रहने की सबसे बड़ी वजह रही सत्तारूढ़ टीएमसी से टकराव. कई बार उनके फ़ैसलों की वजह से न्यायपालिका और ममता सरकार में टकराव देखने को मिला. तृणमूल के कई नेताओं ने तो कई मौक़ों पर उन्हें राजनीति से प्रेरित तक बताया. उनके इस्तीफ़े और बीजेपी में जाने के संकेत को लेकर भी तृणमूल का कहना था - ‘हम पहले ही कह रहे थे कि वो राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता हैं.’