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महिला आरक्षण पर मोदी के मंत्री ने अपना ट्वीट डिलीट क्यों कर दिया?

बीजेपी ने साल 2014 और 2019 के चुनावी घोषणापत्र में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही थी.

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प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई थी, जिसके बाद पटेल का ट्वीट आया था.

''व्हील के साइड में एक रेड बटन है?''
''हां, दबा दिया.''
''नहीं दबाना था.''

ये कालजयी संवाद घटा था फिल्म ‘धमाल’ में. साल था 2007. तब से अब तक, कोई चीज़ हड़बड़ी में कर दी जाए, फिर मलाल हो, तो यही संवाद याद किया जाता है. जैसे केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल याद कर रहे होंगे. उन्होंने एक ट्वीट लिख नीले रंग का ‘पोस्ट’ बटन दबा दिया. उन्हें बाद में अहसास हुआ, नहीं दबाना था. सो X पर अपना ट्वीट (पोस्ट) डिलीट भी कर दिया.   

प्रहलाद सिंह पटेल का पोस्ट.

पटेल ने ये ट्वीट डिलीट क्यों किया, ये तो हम नहीं जानते. लेकिन पोस्ट किया क्यों था, इसका कारण बताया जा सकता है. हुआ ये कि संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session) के बीच 18 सितंबर की शाम केंद्र सरकार की कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई. सूत्रों के अनुसार बैठक में महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को मंजूरी दे दी गई. माने कैबिनेट की इस मंजूरी के बाद अब महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा. महिला आरक्षण बिल की बात कई बरसों से चली आ रही है. 

महिला आरक्षण बिल में संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटों के आरक्षण का प्रस्ताव है. SC और ST के लिए आरक्षित सीटों में से भी एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जा सकती है. ये जानकारी हिंदुस्तान टाइम्स ने दी है. अखबार के मुताबिक महिला आरक्षण 15 साल के लिए लागू रहेगा.

कई बार लाया गया, पर पास नहीं हुआ

ये बिल कई बार सदन में रखा गया है. 1996 में देवगौड़ा सरकार और 1998, 1999, 2002 और 2003 में NDA द्वारा इसे लोकसभा में लाया गया. हर बार बिल पास होने में असफल रहा. साल 2008 में UPA की सरकार के दौरान ये बिल राज्यसभा में पास हो गया था. लेकिन लोकसभा में इस पर बहस भी न हो सकी और बिल लैप्स कर गया. बीजेपी ने साल 2014 और 2019 के चुनावी घोषणापत्र में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही थी. 

जब कैबिनेट बैठक के बाद ये अटकल चलने लगी कि महिला आरक्षण पर कैबिनेट में सहमति बन गई, तब केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा,

“महिला आरक्षण की मांग पूरा करने का नैतिक साहस मोदी सरकार में ही था. जो कैबिनेट की मंजूरी से साबित हो गया. प्रधानमंत्री मोदी और मोदी सरकार का अभिनंदन.”

प्रहलाद सिंह पटेल का पोस्ट.

प्रहलाद पटेल का ये पोस्ट अब डिलीट हो गया है. वहीं कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने महिला आरक्षण बिल का स्वागत करते हुए X पर पोस्ट कर लिखा,

“कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है. हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं.”

रमेश ने आगे कहा कि विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे वाली राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी.

इससे पहले बीजेपी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन का एक इंटरव्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपा. श्रीनिवासन से इस इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या आप ये आशा रख रही हैं कि पीएम मोदी अब कानून लाने की ओर कदम उठाएंगे? उन्होंने कहा, हम बहुत आशावादी हैं. बीजेपी ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि हम (ये) कर दिखाएंगे.

श्रीनिवासन ने आगे कहा कि पीएम मोदी ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि बीजेपी के प्रत्याशियों की लिस्ट में ज्यादा से ज्यादा महिला उम्मीदवार हों. हम विधेयक को लेकर सकारात्मक महसूस कर रहे हैं.

(ये भी पढ़ें: Parliament Special Session: क्या मोदी सरकार लेगी J&K में आरक्षण पर बड़ा फैसला?)

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