बजट (Budget 2024) आ गया है. सब यही जानना चाह रहे हैं कि इनकम टैक्स (Income Tax) को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण (Nirmala Sitaraman) ने क्या घोषणा की. तो खबर ये है कि टैक्स स्लैब (Tax Slab) में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं. चुनावी साल के मद्देनज़र जो लोग ये उम्मीद लगाए बैठे थे कि इनकम टैक्स में और छूट दी जाएगी, उन्हें निराशा हाथ लगी. वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले साल के बजट में आयकर में छूट दी गई थी. इस बार कोई बदलाव नहीं होगा. वैसे, आप जानते ही हैं कि ये अंतरिम बजट है. मई महीने में नई सरकार का गठन होगा. उसके बाद नई सरकार साल भर के खर्च के लिए नया बजट लेकर आएगी.
बजट में इनकम टैक्स को लेकर वित्त मंत्री ने क्या ऐलान किया?
2023-24 के Budget में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था में Income Tax छूट की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी थी.
अगर आप अगले वित्त वर्ष से आयकर रिटर्न भरने के लिए पुरानी या नई कर व्यवस्था में से किसी एक को नहीं चुनते हैं तो नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) में खुद-ब-खुद शामिल हो जाएंगे. 2023-24 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था में इनकम टैक्स छूट की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी थी. पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता था. लेकिन याद रखें कि ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) की तरह नई टैक्स रिजीम में आपको कई प्रकार की छूट का लाभ नहीं मिलेगा.
इसके अलावा सैलरी क्लास के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ अब न्यू टैक्स रिजीम का चुनाव करने वालों को मिलेगा. इसके लिए टैक्स चुकाने वाले कर्मचारी 50,000 रुपये तक का क्लेम कर सकते हैं, जबकि 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक की आय वाले नौकरी पेशा आदमी को स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 52,500 रुपये का लाभ होता है. नए वित्त वर्ष से गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए लीव एनकैशमैंट की सीमा 25 लाख रुपये कर दी गई है. पहले यह 3 लाख ही थी.
0 से तीन लाख - 0
3 से 6 लाख - 5%
6 से 9 लाख - 10%
9 से 12 लाख - 15%
12 से 15 लाख - 20%
15 से ज्यादा लाख - 30%
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%
ये तो था डायरेक्ट टैक्स. यानी वो कर जो आपकी आमदनी पर लगता है और सीधे सरकार को चुकाया जाता है. पर इसके अलावा भी हम सरकार को टैक्स चुकाते हैं. कोई भी बड़े से बड़ा या छोटे से छोटा सामान खरीदने पर हम कीमत के साथ-साथ टैक्स भी चुकाते हैं. इनको कहते हैं इंडायरेक्ट टैक्स. इसमें आते हैं सर्विस टैक्स, एक्साइज़ ड्यूटी, वैट, कस्टम ड्यूटी, स्टैंप ड्यूटी और सबसे बड़ा GST. इस तरह के टैक्सेज़ को इंडायरेक्ट टैक्स कहते हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने डायरेक्ट टैक्स के साथ-साथ इंडायरेक्ट टैक्स में भी किसी तरह के बदलाव नहीं किए हैं.