वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज अपना सबसे छोटा बजट भाषण पढ़ा. सिर्फ 57 मिनट. वजह थी, इस बजट (Budget 2024) में कोई भी नई बड़ी घोषणा या किसी भी नई स्कीम का ऐलान नहीं किया गया. टैक्स स्लैब, कारोबारियों, किसानों के लिए हर बजट में नई घोषणा करने वाली सरकार ने इस बार साधारण बजट इसलिए पेश किया क्योंकि आज पेश किया गया बजट एक अंतरिम बजट था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने कहा-
वित्त मंंत्री ने खुद बता दिया कि क्यों नहीं किया किसी नई योजना का ऐलान
2019 में पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था. तब तो सरकार ने कई घोषणाएं की थीं. इनकम टैक्स से जुड़ा भी एक ऐलान किया गया था.

‘हमने अंतरिम बजट की परंपरा को जारी रखा है.. जहां तक कर प्रस्तावों का सवाल है, परंपरा को ध्यान में रखते हुए, मैं टैक्सेशन से संबंधित कोई बदलाव करने का प्रस्ताव नहीं करती हूं और आयात शुल्क सहित प्रत्यक्ष करों और अप्रत्यक्ष करों के लिए समान कर दरों को बनाए रखने का प्रस्ताव करती हूं.'
बता दें कि ये परंपरा रही है कि सरकारें आम चुनाव से पहले पेश बजट में कोई भी लोकप्रिय घोषणा नहीं करती हैं. इसी का हवाला देकर वित्त मंत्री ने टैक्स से जुड़ी कोई घोषणा नहीं की. अगर चुनाव में इस सरकार की वापसी होती है तो जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में सरकार की ओर से टैक्स रिलीफ की घोषणा की जा सकती है.
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दरअसल, अंतरिम बजट उस साल पेश किया जाता है जिस साल लोकसभा चुनाव होने वाले होते हैं. अप्रैल-मई में चुनाव होंगे. मई के अंत तक देश में नई सरकार का गठन हो जाएगा. चाहे पुरानी सरकार चुनाव जीत कर दोबारा सत्ता में आए या फिर किसी अन्य पार्टी/गठबंधन की सरकार बने, नई सरकार को नया बजट पेश करना होता है. इसीलिए चुनावी साल में अंतरिम बजट पेश किया जाता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण कह रही हैं कि उन्होंने पंरपरा का पालन किया है और कोई बड़ी घोषणा नहीं की है. क्योंकि यह अंतरिम बजट था. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में NDA सरकार 2019 में भी अंतरिम बजट पेश कर चुकी है. और जिसका जिक्र वित्त मंत्री कर रही है, तब वैसी परंपरा देखने को नहीं मिली थी.
1 फरवरी, 2019 को तब के वित्त राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था. इस बजट में टैक्स स्लैब में तो कोई बदलाव नहीं किया गया था, लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन जिससे इनकम टैक्स में छूट मिलती है उसे रु. 40 हजार से बढ़ा कर रू.50 हजार कर दिया गया था. इसके साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि योजना का भी ऐलान किया गया था. इसके तहत 2 हेक्टेयर तक जमीन वाले किसानों को साल में 6 हजार रुपये का सहयोग दिए जाने की घोषणा की गई. इस सम्मान निधि को तीन किश्तों में देने का ऐलान किया गया. इसके अलावा प्राकृतिक आपदा आने पर किसानों को कर्ज पर लगने वाले कर में 2 प्रतिशत छूट का ऐलान किया गया था.
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