केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. बजट में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब (Income tax slab) में बदलाव की घोषणा की है. नए टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) के तहत अब सालाना 3 से 7 लाख आय पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा. अभी तक 3 से 6 लाख रुपये की आय वालों पर 5% टैक्स लगता था. यानी इस स्लैब में एक लाख रुपये का बदलाव किया गया है. वहीं, 3 लाख रुपये की सालाना आय पर पहले की तरह कोई टैक्स नहीं लगेगा. पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
Budget 2024: इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव हुआ, जानिए अब आपको कितना आयकर देना होगा
नए टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) के तहत अब सालाना 3 से 7 लाख आय पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा. वहीं, पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

इसके अलावा नई टैक्स व्यवस्था के दूसरे स्लैब्स में भी बदलाव किए गए हैं. अब 7 से 10 लाख की आय पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा. पहले 10% आयकर 6 से 9 लाख रुपये की सालाना आय पर लगता था. वहीं, 10 से 12 लाख रुपये की आय पर 15 फीसदी टैक्स देना होगा. पहले ये टैक्स स्लैब 9 से 12 लाख की आय पर के लिए था.
वहीं, 12 से 15 लाख रुपये की सालाना आय पर पहले की तरह 20% टैक्स देना होगा. और 15 लाख से ज्यादा की आय पर भी पहले की तरह 30 फीसदी टैक्स देना होगा. इसके अलावा, वित्त मंत्री ने बताया कि नए टैक्स सिस्टम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है.
स्टैंडर्ड डिडक्शन एक तय राशि है जो आपके कुल टैक्सेबल इनकम से घटा दी जाती है. इससे सैलरी पाने वाले लोगों को इनकम टैक्स में फायदा मिलता है. मान लीजिये, आपकी कुल टैक्सेबल इनकम 7 लाख 75 हजार है. तो नई कर व्यवस्था के तहत आप 10% वाले टैक्स स्लैब में आएंगे. लेकिन अब स्टैंडर्ड डिडक्शन 75 हजार रुपये है. इनकम टैक्स भरने के दौरान इसको अप्लाई करने से आप 5% वाले टैक्स स्लैब में आ जाएंगे.
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स स्लैब में बदलावों और स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि बढ़ने के बाद लोगों को आयकर में 17 हजार 500 रुपये तक का फायदा होगा.

पुरानी टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ है. यानी पहले की तरह सालाना 0-2.5 लाख तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसके बाद, ढाई लाख से 5 लाख पर 5%, 5 से 10 लाख की इनकम पर 20% टैक्स लगता है और 10 लाख से ज्यादा की कमाई पर 30% टैक्स देना होता है.
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इनकम टैक्स एक्ट की समीक्षा होगीवित्त मंत्री ने बताया कि इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की 6 महीने में समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य एक्ट को पढ़ने और समझने में आसान बनाना है. साथ ही, विवादों और मुकदमेबाजी में कमी आएगी.
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