बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती (Mayawati) ने पार्टी की एक बड़ी बैठक में एलान कर दिया है कि उनके उत्तराधिकारी उनके भतीजे आकाश आनंद होंगे. हालांकि, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का प्रभार मायावती ख़ुद अपने पास रखेंगी.
कौन हैं आकाश आनंद, जिन्हें मायावती ने अपना उत्तराधिकारी बनाया है?
लखनऊ में बसपा की एक बड़ी बैठक चल रही है. इसी मीटिंग में मायावती ने ये एलान किया.
शनिवार, 9 दिसंबर के आधिकारिक बयान के मुताबिक़ तो पार्टी को मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनावों में अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करना था. लेकिन अचानक, उत्तराधिकारी का एलान हो गया. बहुत दिनों से ये क़यास लगाए जा रहे थे कि क्या आकाश आनंद को पार्टी का प्रभार मिलेगा.
प्रदेश की राजनीति कवर करने वाले कहने लगे हैं, भरी मीटिंग में हुए इस एलान से उत्तर प्रदेश की राजनीति और पार्टी की राजनीतिक लाइन पर बड़ा असर दिख सकता है.
आकाश, मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. आनंद कुमार भी पार्टी में सक्रिय रहे हैं. उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था. हालांकि, बाद में उन्हें इस पद से हटा दिया गया.
आकाश की स्कूलिंग गुरुग्राम से हुई है. बाद में उन्होंने लंदन से मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) किया. नौकरी करने के बजाए अपनी बुआ की विरासत को आगे बढ़ाना चुना.
आकाश राजनीति में सक्रिय हैं. उनकी राजनीति में एंट्री साल 2017 में हुई थी, जब वो सहारनपुर रैली में पहली बार मायावती के साथ मंच पर दिखे थे. पिछले 6 सालों में आकाश की सक्रियता पार्टी में बढ़ती रही है.
पहली बार चर्चा में तब आए, जब 2019 के लोकसभा चुनावों में अखिलेश यादव ने मायावती के साथ गठबंधन किया था. उस साल 15 जनवरी को अखिलेश ख़ुद मायावती को जन्मदिन की बधाई देने के लिए उनके घर पहुंचे थे. फूल देते हुए फ़ोटो भी आई थी. इसी फ़ोटो में मायावती के ठीक पीछे दिखे आकाश. चुनावी माहौल में आकाश की एक झलक मिलते ही मीडिया में आकाश के मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी होने की अटकलें लगने लगीं.
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2019 चुनाव में उन्होंने पार्टी का चुनाव प्रचार कैम्पेन मैनेज किया. समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद 2019 में ही मायावती ने उन्हें बसपा का को-ऑर्डिनेटर बनाया था.
फिर 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के सोशल मीडिया का मोर्चा संभाला. 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा के स्टार प्रचारकों की सूची में आनंद का नाम दूसरे नंबर पर था. उन्हें अलग-अलग राज्यों में पार्टी कैडर तैयार करने का काम भी सौंपा गया था.
फिलहाल वो पार्टी में नेशनल को-ऑर्डिनेटर के पद पर हैं. अब तो उत्तराधिकारी ही हैं, पार्टी की कमान संभालेंगे.
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बसपा में आकाश के बढ़ते कद को देखते हुए मायावती पर परिवारवाद के आरोप भी लगते हैं. शुरुआत में तो ख़ुद मायावती ने पब्लिक मंचों से आकाश का परिचय करवाया था. फिर पार्टी में एक के बाद एक अहम पद दिए. उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों में पार्टी बैठकों में गए, सभाएं की.
इसी साल अगस्त में बसपा ने आकाश के नेतृत्व में 14 दिन की 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा' शुरू की थी. लंबी पदयात्रा और आकाश की सार्वजनिक भूमिका का बढ़ना, दोनों ही 2024 के चुनाव की लेंस से देखे गए.
दिसंबर 2022 में आकाश की शादी की ख़बर आई थी. उनकी शादी बहुजन समाज पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ की बेटी से हुई है.