The Lallantop

'राजनीतिक स्वार्थ में ढीले न पड़िए... भोले बाबा जैसों पर कार्रवाई करिए', मायावती ने यूपी सरकार को सुना दिया

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने हाथरस भगदड़ मामले में कार्रवाई को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास और पाखण्डवाद के बहकावे में आकर अपनी मुश्किलों को और नहीं बढ़ाने की सलाह दी है. सरकार से उन्होंने और क्या कहा है?

post-main-image
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती (फोटो- आजतक)

हाथरस भगदड़ मामले को लेकर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की चीफ मायावती का बयान सामने आया है (BSP Mayawati on Hathras Stampede). पोस्ट शेयर करते हुए मायावती ने लोगों को बाबाओं के अंधविश्वास और पाखंडवाद के बहकावे में ना आने की सलाह दी है. उन्होंने 'भोले बाबा' और उनके जैसे बाकी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है.

6 जुलाई को सुबह मायावती ने अपने X अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा,

देश में गरीबों, दलितों और पीड़ितों को अपनी गरीबी और बाकी सभी दुखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अंधविश्वास और पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुख-पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए. यही सलाह है.

मायावती ने दूसरे पोस्ट में लिखा,

उन लोगों को बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी. उन्हें अपनी पार्टी BSP से ही जुड़ना होगा. तभी ये लोग हाथरस जैसे कांड से बच सकते हैं जिसमें 121 लोगों की मौत हुई. ये मौतें अति चिंताजनक हैं.

आगे लिखा,

हाथरस कांड में भोले बाबा समेत जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे अन्य और बाबाओं के खिलाफ भी कार्रवाई होनी जरूरी है. इस मामले में सरकार को अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गंवानी पड़े.

ये भी पढ़ें- 21 बीघा ज़मीन पर बना करोड़ों का आश्रम, लग्जरी गाड़ियों के लिए गैरेज, हाथरस वाले 'भोले बाबा' की शान-ओ-शौकत देख चौंक जाएंगे

बता दें, यूपी पुलिस ने हाथरस हादसा मामले के मुख्य आरोपी Dev Prakash Madhukar को दिल्ली के नजफ़गढ़ के एक अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया है. देवप्रकाश मधुकर 'भोले बाबा' का मुख्य सेवादार भी है. पुलिस ने देवप्रकाश पर एक लाख का इनाम घोषित किया था. इससे पहले पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था.

FIR के मुताबिक, धार्मिक सभा में 2.50 लाख से अधिक लोग शामिल हुए, जबकि प्रशासन ने 80,000 लोगों के लिए अनुमति दी थी. FIR में बताया गया है कि सत्संग आयोजकों ने सबूत छिपाए. बाबा के भक्तों की चप्पलें और अन्य सामान को पास के खेतों में फेंका. उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों की वास्तविक संख्या को छिपाने का भी प्रयास किया.

वीडियो: हाथरस भगदड़: पत्रकारों ने 'भोले बाबा' का कच्चा-चिट्ठा खोल दिया!