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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को हुआ स्वाइन फ्लू

क्या होता है स्वाइन फ्लू और कैसे इससे बच सकते हैं?

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अमित शाह को एम्स में भर्ती करवाया गया.

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को स्वाइन फ्लू हो गया है. अमित शाह को एम्स में भर्ती करवाया गया है. अमित शाह पिछले कुछ दिन से बुखार से पीड़ित थे. जांच में ये स्वाइन फ्लू निकला है. अमित शाह ने 16 अगस्त को ट्वीट कर ये जानकारी दी.

वित्त मंत्री अरुण जेटली और टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद भी अस्वस्थ हैं. जेटली इलाज के लिए अमेरिका गए हैं. उनकी बीमारी के बारे में अभी पुख्ता जानकारी नहीं है. लेकिन दैनिक भास्कर अखबार ने जेटली के कैंसर होने की बात कही है. रविशंकर प्रसाद नाक में इंफेक्शन और सांस लेने में परेशानी के चलते एम्स में भर्ती हैं.

स्वाइन फ्लू क्या है?

स्वाइन फ्लू एक तरह का संक्रामक है जोकि आमतौर पर सुअरों में ही फैलता था. इसीलिए इसे पिग इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है. मार्च 2009 में मैक्सिको में इसके सबसे पहले इंसानों में फैलने की खबर आई. सुअरों में तो ये वायरस चार तरह का होता है. मगर इंसानों में जो वायरस फैला वो H1N1 था. जानकारों के अनुसार तो लोगों में स्वाइन फ्लू होना सामान्य बात नहीं है. माना जाता है कि ये बीमारी उन्हीं इंसानों को होती है जो सुअरों के आसपास रहते हैं. मगर अब ये इंसानों से इंसानों में फैल रही है. ठीक वैसे ही जैसे वायरल बीमारिया मसलन खांसी-जुकाम फैलता है. खैर इस बीमारी के बारे में वैज्ञानिक भी ज्यादा पता नहीं लगा पाए हैं. दुनियाभर में तमाम रिसर्च जारी हैं.

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स्वाइन फ्लू के लक्षण

# तेज बुखार या सुस्ती लगना

# सांस लेने में परेशानी होना

# सीने में दर्द होना

# लो ब्लड प्रेशर की दिक्कत होना

# खांसी के साथ खून या बलगम आना

# नाखूनों का रंग नीला हो जाना

कैसे फैलता है?

# किसी आदमी को अगर ये बीमारी है तो उसके खांसने या छींकने से निकली छीटों की चपेट में आकर ये वायरस औरों तक पहुंच जाता है.

# बीमार लोग तमाम चीज़ों को छूते रहते हैं सो लाजमी है कि उनके हाथों से वायरस उन चीजों पर पहुंच जाता है. ऐसे में जब आप उन चीजों को छुएंगे तो वो वायरस आप के हाथों तक पहुंच जाता है. इस हाथ से फिर अगर आपने अपनी नाक और मुंह को छुआ तो आप के अंदर वायरस जाने की संभावना बढ़ जाती है.

# बीमार लोगों से हाथ मिलाने से भी ये वायरस आपतक पहुंच सकता है.

# बीमार व्यक्ति को किस करने से भी वायरस आप तक पहुंच जाएगा. ऐसे में दूरी बनाए रखें.

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बचाव का तरीका

बचाव का सटीक तरीका ये है कि इस बीमारी का कोई भी लक्षण मिलने पर सीधा जांच करवाएं और किसी डॉक्टर को दिखाएं. बाकी बचने के लिए एंटी-वायरल दवा टैमीफ्लू काम की है. इससे वायरस का खतरा कम होता है. हालांकि इसको डॉक्टर की सलाह के बाद ही लें.

साफ-सफाई ही असल रामबाण है

स्वाइन फ्लू से बचने के लिए सबसे कारगर तरीका या कहें रामबाण है साफ-सफाई. आप जितना ज्यादा साफ-सफाई का खयाल करेंगे. उतना ही इस बीमारी से दूर रहेंगे. ये हिदायतें आपके काम आ सकती हैं-

• बार-बार साबुन और पानी से अपने हाथ धोयें.

• जब खांसी या छींक आये, तो मुंह और नाक को ढक लें.

• इस्तेमाल किए टिश्यू को दोबारा यूज न करें.

• घर में साफ-सफाई रखें. बच्चों का खास खयाल रखें.

• बीमार हैं तो घर पर ही रहने की कोशिश करें.

• कुल मिलाकर आपको अपनी नाक और मुंह को बचाना है. हाथ साफ हो तो ही इन्हें छुएं.


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