The Lallantop

BJP सांसद रमेश बिधूड़ी ने जो बोला, वो 'असंसदीय' नहीं बल्कि हेट स्पीच है!

रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ सांप्रदायिक बयान दिया और लगातार गाली देते नजर आए.

post-main-image
दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद है रमेश बिधूड़ी (फोटो- पीटीआई)

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की जब भी बात होती है तो उसमें लगाए गए उचित प्रतिबंधों का भी जिक्र होता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19(2) में ऐसा लिखा है. सांसदों को विशेषाधिकार है कि वे इसका पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद रमेश बिधूड़ी ने शायद इसी विशेषाधिकार का भरपूर फायदा उठाया और संसद के भीतर ही गाली-गलौज पर उतर आए. बिधूड़ी ने 21 सितंबर को लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ सांप्रदायिक बयान दिया और लगातार गाली देते नजर आए. इस तरह की भाषा का इस्तेमाल संसदीय इतिहास में शायद ही कभी किया गया हो.

बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली से सांसद हैं. हालांकि बिधूड़ी ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, उसे लोकसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया गया इसलिए हम वो यहां नहीं लिख सकते हैं. वैसे भी बिधूड़ी ने जो कुछ बोला है वो इतना शर्मनाक है कि लिखा नहीं जा सकता. उन्होंने लोकसभा के भीतर चंद्रयान-3 की सफलता पर हो रही चर्चा के दौरान इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी की. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

आश्चर्य है कि रमेश बिधूड़ी जब ये आपत्तिजनक बयान दे रहे थे, उस वक्त उनके बगल में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और पीछे पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बैठे हुए थे. वीडियो में दोनों नेता बिधूड़ी के बयान पर हंसते दिख रहे हैं. 

बिधूड़ी के बयान पर रक्षा मंत्री राजनाध सिंह ने लोकसभा के भीतर ही माफी मांगी. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने (बिधूड़ी) ऐसा कुछ बोला है तो वे इसके लिए माफी मांगते हैं. राजनाथ सिंह ने कहा, 

"जब रमेश बिधूड़ी जी बोल रहे थे तो मैं उनकी पूरी बातों को सुन नहीं पाया. लेकिन विपक्ष के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने कुछ ऐसी बात कही है जिससे उनकी फीलिंग हर्ट हुई है. तो मैं आपसे आग्रह करूंगा कि ऐसी कोई बात हो तो रिकॉर्ड से हटा दिया जाए. इसके लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं."

इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी रमेश बिधूड़ी को चेतावनी दी. समाचार एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ओम बिरला ने बिधूड़ी को चेतावनी दी कि अगर ऐसी चीजें दोहराई जाती हैं तो उनके खिलाफ "कड़ी कार्रवाई" की जाएगी.

हालांकि विपक्ष के नेता रमेश बिधूड़ी के खिलाफ अभी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. कई नेताओं ने बिधूड़ी के वीडियो को शेयर कर प्रधानमंत्री पर ही सवाल उठाए हैं.

आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि उन्हें आश्चर्य नहीं हुआ. समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए मनोज झा ने कहा, 

"प्रधानमंत्री के वसुधैव कुटुंबकम की सच्चाई यही है. गोडसे को देशभक्त बताने वाला सांसद कौन है, किस पार्टी का है, भोपाल से सांसद है. अगर सदन के भीतर एक सांसद के लिए ये भाषा बोली जा रही है, तो सोचिए कि सड़कों पर, गलियों में, गांवों में मुसलमानों और दलितों के खिलाफ किस तरह के बयान को वैधता दी गई है. प्रधानमंत्री जी, रमेश बिधूड़ी आपके माननीय सांसद हैं, लेकिन उनके लिए एक सख्त शब्द नहीं बोल पाए. यानी माना जाए कि आपकी मर्जी से हो रहा है. आपकी मर्जी के बगैर आपके दल में एक पत्ता नहीं हिलता, तो बिधूड़ी कैसे हिल गए?"

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया, 

"विपक्ष का कोई नेता बोले तो निलंबित करके बाहर कर दिया जाता है. सुनिए इस BJP सांसद की भाषा BSP सांसद दानिश अली को सदन के अंदर आतंकवादी कह रहा है. देश संविधान और संवाद से चलेगा दादागिरी से नहीं."

देश के हर नागरिक को अपनी बात रखने का अधिकार है. लेकिन रमेश बिधूड़ी ने जो कहा, वो सीधे-सीधे हेट स्पीच के दायरे में आता है. क्योंकि उनका बयान साफ तौर पर हिंसा भड़काने या दो समुदायों के बीच सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करता है. लेकिन जैसा कि पहले बताया कि संसद सदस्यों को कई मामलों में इम्युनिटी मिली है, जिस कारण से वे संसद में तमाम बातें जो कहते हैं, उसके लिए उन्हें प्रॉसीक्यूट नहीं किया जा सकता.

आपने पिछले साल एक खबर पढ़ी होगी, जिसमें संसद के भीतर जुमलाजीवी, तानाशाह, जयचंद जैसे कुछ शब्दों को 'असंसदीय' बताते हुए रिकॉर्ड से हटा दिया गया था. बकायदा एक लिस्ट जारी की गई थी. इसके आधार पर संसद में दिए गए हर भाषण को नापा तौला भी जाता है, लेकिन रमेश बिधूड़ी के भाषण का क्या?