चार्ल्स शोभराज के दिल का एक वाल्व खराब हो गया है और उसकी ओपन हार्ट सर्जरी होनी है. वो डरा हुआ है कि कहीं इस चक्कर में उसकी जान पर न बन आए.
चार्ल्स ने इंडियन एक्सप्रेस
को एक इंटरव्यू दिया है. लच्छेदार अंग्रेज़ी में वो कहता है कि सर्जरी के लिए फ्रांस जाना चाहता था. लेकिन नेपाल के डॉक्टर जल्द से जल्द सर्जरी करना चाहते हैं जबकि यहां रिस्क ज़्यादा है. सुप्रीम कोर्ट में उसे जान से मारने की धमकियां भी मिलती रही हैं, इसलिए इस सब को लेकर वो नर्वस है. उसने फ्रांस की एंबेसी को लिख कर खुद के लिए सुरक्षा मांगी है.

शोभराज ने तिहाड़ में भी लंबा वक्त काटा है
फ्रांस क्यों?
शोभराज की मां विएतनाम से थी और पिता एक सिंधी हिंदुस्तानी. तो उसका पूरा नाम पड़ा हातचंद भौनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज. चार्ल्स के मां-बाप ने शादी नहीं की थी. कुछ दिनों बाद चार्ल्स के पिता ने उसे और उसकी मां को छोड़ दिया. फिर उसकी मां विएतनाम में तैनात फ्रांस के एक फौजी लेफ्टिनेंट से मिली. फौजी ने उन दोनों को अपनाया और इस तरह चार्ल्स को फ्रांस की नागरिकता मिली. फ्रांस में ही चार्ल्स को पहली बार जेल हुई, पैरिस की पौसी जेल में. और यहीं उसने लोगों को बातों में बांध कर काम निकालना शुरू किया. उसकी ये आदत तिहाड़ में भी बनी रही और काठमांडू जेल में भी.
बातें-बातें-बातें
अखबार ने गंगालाल हार्ट सेंटर (जहां सोभराज का इलाज चल रहा है) के डॉक्टर का बयान भी छापा है. पढ़कर एक बार फिर मालूम चलता है कि शोभराज बातें बनाने में कितना माहिर है. डॉक्टर साफ करते हैं कि सोभराज की तबीयत खराब ज़रूर है, लेकिन क्रिटिकल कतई नहीं. 10 जून को उसका ऑपरेशन किया जाएगा. माने चार्ल्स बातों का बौड़म है. ये बातें ही हैं कि वो जेल में रह कर खुद के लिए इंतज़ाम बढ़वा लेता है. काठमांडू जेल में वो अपना खाना खुद बनाता था. उसकी हालिया शिकायत यही है कि उसे जेल के अस्पताल में उसे खाना बनाने नहीं दिया जा रहा. कुछ दिन पहले उसने नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में डाइट अलाउंस को लेकर अर्ज़ी भी डाली थी.
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में शोभराज ये भी जोड़ता है कि सर्जरी में बचा तो वो दोबार जल्द छूटने की अर्ज़ी लगाएगा. 73 साल की उम्र में उसके पास पैरिस जाकर रहने का पूरा प्लान तैयार है.
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