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बिहार: टीचर्स ने किया था विरोध, सरकार ने छुट्टियों पर अब क्या फैसला लिया?

29 अगस्त को जारी नए आदेश के अनुसार, इस 9 दिनों की छुट्टी को घटाकर 4 दिन कर दिया गया था. बिहार शिक्षक संघ ने फैसले का विरोध किया था.

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बिहार सरकार ने बदला छुट्टी कैंसिल करने का फैसला (PTI)

सरकारी स्कूलों में छुट्टियों की कटौती को लेकर जारी बवाल के बीच बिहार सरकार ने यू टर्न ले लिया है. बिहार शिक्षा विभाग ने सितंबर से दिसंबर तक के लिए 29 अगस्त को जारी की गई संशोधित छुट्टियों (Bihar Holidays) की लिस्ट को वापस ले लिया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की तरफ से जारी आदेश में स्कूलों में तीज, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी जैसे त्योहारों की छुट्टी रद्द कर दी गई थी. जबकि छठ और दीपावली की छुट्टियों में कटौती की गई थी.

जिसके बाद बिहार शिक्षक संघ और विपक्षी पार्टी BJP ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया था. दरअसल बिहार के स्कूलों में दिवाली से लेकर छठ पूजा तक यानी कि 13 नवंबर से 21 नवंबर तक छुट्टी थी. लेकिन 29 अगस्त को जारी नए आदेश के अनुसार, इन 9 दिनों की छुट्टी को घटाकर 4 दिन कर दिया गया था. नए आदेश के मुताबिक, सरकारी स्कूलों में दिवाली की छुट्टी 12 नवंबर को कर दी गई थी.

जबकि 15 नवंबर को चित्रगुप्त पूजा की छुट्टी और छठ पूजा की छुट्टी 19 और 20 नवंबर को देने का आदेश जारी हुआ था. यानी दिवाली और छठ पूजा के बीच कई दिन स्कूल खुले रहते. वहीं दुर्गा पूजा के मौके पर स्कूलों में 6 दिन की छुट्टी होनी थी, लेकिन इसमें बदलाव करके 3 दिनों की छुट्टी कर दी गई थी. जिसमें रविवार भी शामिल था.

ये छुट्टियां हुई थीं कैंसिल

रक्षाबंधन- 30 अगस्त
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी- 07 सितंबर
हरतालिका तीज- 18,19 सितंबर
जीवित्पुत्रिका व्रत (जितिया)- 06 अक्टूबर
दुर्गा पूजा- 3 दिन की छुट्टी कम 
दीपावली से छठ पूजा- 5 दिन की छट्टी कम 
गुरु नानक जयंती/कार्तिक पूर्णिमा- 27 नवंबर

शिक्षा विभाग ने क्या कहा था?

दरअसल, शिक्षा विभाग की ओर से छुट्टियां कम करने को लेकर शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 का हवाला दिया था. इस अनुसूची के तहत प्राथमिक स्कूलों में कम से कम 200 दिन और छठी से आठवीं तक के स्कूलों में कम से कम 220 दिनों के पठन-पाठन का प्रावधान है. शिक्षा विभाग की तरफ से कहा गया कि चुनाव, परीक्षा, त्योहार, प्राकृतिक आपदाओं और कई प्रकार की परीक्षाओं की वजह से स्कूल में पढ़ाई कार्य प्रभावित हो जाता है. इस वजह से ऐसा फैसला लिया गया है.

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