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बिहार: नीतीश सरकार के छुट्टी कैलेंडर पर 'हिंदू-मुस्लिम' हो कैसे गया?

दरअसल बिहार सरकार ने पहली बार दो कैलेंडर जारी किए हैं. उर्दू स्कूलों के लिए अलग और गैर उर्दू स्कूलों के लिए अलग कैलेंडर जारी किए गए हैं. इनमें दोनों धर्मों के त्योहारों पर होने वाली छुट्टियां ग़ैरअनुपातित हैं.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव. (तस्वीर:PTI)

बिहार में सरकारी स्कूलों (Bihar Government School) के लिए साल 2024 का कैलेंडर जारी होते ही छुट्टियों को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. बीजेपी ने नीतीश कुमार सरकार पर हिंदू त्योहारों की छुट्टियों में कटौती करने और मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियां बढ़ाने के आरोप लगाए हैं. सरकार ने पहली बार दो कैलेंडर जारी किए हैं. उर्दू स्कूलों के लिए अलग और गैर उर्दू स्कूलों के लिए अलग कैलेंडर जारी किए गए हैं. इनमें दोनों धर्मों के त्योहारों पर होने वाली छुट्टियां ग़ैरअनुपातित हैं.

पहली बार दो कैलेंडर जारी

बिहार के शिक्षा विभाग ने पहली बार उर्दू स्कूलों के लिए अलग और गैर-उर्दू स्कूलों के लिए अलग-अलग कैलेंडर जारी किए हैं. विभाग ने एक विज्ञप्ति जारी करके बताया कि साल 2024 के दोनों कैलेंडर में अवकाश की संख्या 60-60 है जिनमें 30 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश भी शामिल है. इसके अलावा शिक्षा विभाग ने बताया है कि पिछले वर्षों में भी महापुरुषों की जयंतियों के दौरान विद्यालय खुलते रहे हैं और जयंतियां धूमधाम से मनाई गई हैं. गांधी जयंती परम्परागत रूप से पिछले कई वर्षों से विद्यालयों में मनाई जाती रही है. जहां तक सम्राट अशोक जयंती, महावीर जयंती, वीर कुंवर सिंह जयंती की बात है, ये सभी जयंतियां इस वर्ष ग्रीष्म अवकाश के दौरान पड़ रही हैं, इसलिए इन्हें अलग से नहीं मेंशन किया गया है. विज्ञप्ति में यह स्पष्ट किया गया है कि इन जयंतियों में विद्यालय बन्द रहेंगे. गर्मी की छुट्टी के लिए किया गया बदलाव लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए किया गया है.

बिहार के शिक्षा  विभाग ने मामले को स्पष्ट किया है. 

लेकिन असल बवाल मचा है दोनों कैलेंडर में अलग-अलग छुट्टियों के प्रावधान से. मसलन, गैर उर्दू स्कूलों के कैलेंडर में महाशिवरात्रि, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की छुट्टियां हैं, जबकि उर्दू स्कूलों में ये छुट्टियां नहीं होंगी.

उर्दू स्कूल के लिए जारी किए गए कैलेंडर का स्क्रीनशॉट.

वहीं, रक्षाबंधन, तीज और जितिया की छुट्टी दोनों कैलेंडर में नहीं दी गई है. इसके अलावा ईद और बकरीद की भी छुट्टी में दोनों कैलेंडर में अलग-अलग स्थिति है. उर्दू स्कूलों में ईद के त्योहार के लिए तीन दिनों की छुट्टी दी गई है जबकि गैर उर्दू स्कूलों में इस पर्व के लिए एक दिन की छुट्टी घोषित की गई है. उर्दू स्कूलों में बकरीद पर तीन दिनों का अवकाश है, वहीं गैर उर्दू स्कूलों में इसके लिए केवल एक दिन की छुट्टी दी गई है. छठ पूजा की छुट्टियों में दोनों कैलेंडर एक हैं. दोनों जगह इस त्योहार के लिए तीन-तीन दिन की छुट्टी दी गई है.

बीजेपी ने मचाया बवाल, जदयू ने दी सफाई

बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह और सुशील मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट करके सरकार की आलोचना की है. गिरिराज सिंह ने तो बिहार को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बिहार बता दिया. उन्होंने लिखा, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ बिहार. नीतीश और लालू  सरकार ने स्कूलों में मुस्लिम पर्व की छुट्टी बढ़ाई, हिंदु त्योहारों में छुट्टी की ख़त्म.”

राज्यसभा सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी ट्वीट करके हमला बोला है. उन्होंने लिखा, 

“तेजस्वी यादव के बयान की मंदिर में घंटी बजाने से पेट नहीं भरता है के 24 घंटे के भीतर हिंदू पर्व त्योहार की छुट्टियों की समाप्ति की ज़िम्मेवारी कौन लेगा नीतीश या तेजस्वी? मुस्लिम स्कूलों में शुक्रवार के बाद क्या हिंदू स्कूलों में मंगल को छुट्टी होगी?”

सरकारी स्कूलों के अवकाशों को लेकर विपक्ष के हमले पर राजद और जदयू ने सफाई दी है. ‘आजतक’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि स्कूलों की छुट्टियों में बदलाव पर शिक्षा विभाग स्पष्टीकरण देगा. उन्होंने कहा कि छुट्टियों पर राजनीति ठीक नहीं है. शब-ए-बारात की छुट्टी घटाई गई है, बीजेपी इस पर क्यों नहीं बोल रही? वहीं, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी छुट्टियों को भी धर्म के चश्मे से देख रही है, इस पर राजनीति ठीक नहीं है.

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