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बिहार में पिता की अंतिम यात्रा में बेटे ने महिलाओं से कराया डीजे डांस, बोला- उनको ये पसंद था

वीडियो में एक व्यक्ति की अंतिम यात्रा निकल रही है. लेकिन इस अंतिम यात्रा में "राम नाम" की जगह कुछ और हो रहा है. शवयात्रा में डीजे बज रहा है. और डीजे के आगे कुछ महिलाएं डांस कर रही हैं.

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शवयात्रा में डीजे बज रहा है. और डीजे के आगे कुछ महिलआएं डांस कर रही हैं. (फ़ोटो/)सोशल मीडिया

“राम नाम सत्य है, सत्य बोलो गत्य है.”- यह वाक्य हम किसी की अंतिम संस्कार में ही सुनते हैं. किसी की मृत्यु में सब दुखी होते हैं. उस समय कुछ समझ नहीं आता है कि क्या बोलें. सबको पता होता है कि एक दिन अंत आना ही है. इसलिए हम अंतिम यात्रा के दौरान शालीनता दिखाते हैं. ना कोई शोर. बस "राम नाम सत्य है" बोलते चलते हैं. कई लोग फूल बरसाते हैं, कुछ इत्र भी छिड़कते हैं. लेकिन कुछ लोग गाजे-बाजे के साथ भी अंतिम यात्रा निकालते है. अधिकतर यह जब होता है, जब किसी ने 100 साल की उम्र पार कर ली हो और इसके बाद उसकी मौत हुई हो. लेकिन बिहार में अंतिम यात्रा को सेलिब्रेशन बना दिया गया.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है. इसमें एक व्यक्ति की अंतिम यात्रा निकल रही है. लेकिन इस अंतिम यात्रा में "राम नाम" की जगह कुछ और ही हो रहा है. शवयात्रा में डीजे बज रहा है. और डीजे के आगे कुछ महिलआएं डांस कर रही हैं. पहले आप ये वीडियो देखिए-

वीडियो को X पर @Gulzar_sahab नाम के अकाउंट पर शेयर किया गया है. कैप्शन लिखा है,

"Bihar is not even for dead."

इसका अनुवाद करने से बेहतर ये समझा जाए कि असल में ये एक तंज है, कि बिहार तो मरने के लिए भी सही जगह नहीं है. 

वीडियो में देखा जा सकता है कि अर्थी को अलग तरीके से सजाया गया है. बांस-बल्लियां लगी हुई हैं. लेकिन अर्थी के चार कंधे ही हैं. चारों तरफ आदमी ही आदमी दिख रहे हैं. आगे एक डीजे चल रहा होता है. जिसमें भोजपुरी गाने बज रहे हैं. वहीं डीजे की गाड़ी में महिलाएं खड़ी होकर डांस कर रही हैं.

लोगों ने क्या कहा?

वीडियो पर एक यूजर ने लिखा,

"अगर कोई पूरी उम्र पाकर स्वर्ग को प्राप्त करता है तो ऐसा जश्न मनाया जाता है. ऐसी हमारे यहां भी प्रथा है."

अजय यादव नाम के यूजर ने व्यंग्य किया,

"मृत्यु एक सच्चाई है, और बिहार के लोग सच्चाई का जश्न मना रहे है."

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यह वीडियो बिहार का है. एक व्यक्ति ने अपने पिता के अंतिम संस्कार के दौरान डांस और डीजे का आयोजन टाइप्स किया था. बताया जा रहा है कि बेटे ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उसके पिता ने हमेशा ऐसे डांस देखकर खुश होते थे. और वह अंतिम श्रद्धांजलि के रूप में अपने पिता की इस खुशी को आगे रखना चाहता है. इसलिए उसका साथ कई लोगों ने दिया.

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