बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गाड़ी का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC) दुरुस्त कर लिया गया है. इससे पहले पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने के नाते सीएम नीतीश की गाड़ी का चालान कटने की खबर आई थी. बताया गया था कि कार का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अगस्त में ही एक्सपायर हो चुका था.
CM नीतीश कुमार की कार पॉल्यूशन सर्टिफिकेट रिन्यू के बिना ही डोलती रही, खबर बनी तो होश आया
19 नवंबर को खबर आई थी कि बिहार के सीएम Nitish Kumar की कार का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट एक्सपायर पाया गया. इसके बावजूद बिना वैलिड सर्टिफिकेट के उस कार का इस्तेमाल किया जा रहा था.
घटना मंगलवार, 19 नवंबर की है. सीएम नीतीश रोहतास के करगहर स्थित कुशही गांव गए थे. बताया जा रहा है कि रोहतास जाते समय एक टोल पर उनकी गाड़ी का चालान कटा. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक चालान कटने के वक्त सीएम नीतीश उस गाड़ी में मौजूद नहीं थे. सीएम नीतीश की जिस गाड़ी का चालान कटा, उसका पॉल्यूशन सर्टिफिकेट 2 अगस्त, 2024 तक ही वैलिड था.
ये खबर सामने आने के बाद सवाल उठने लगे थे कि पॉल्यूशन सर्टिफिकेट एक्सपायर होने के बावजूद भी उनकी गाड़ी कैसे चल रही थी. लोगों ने राज्य में VIP कल्चर और कानून के पालन को लेकर अपनाए जा रहे दोहरे मापदंडों पर सवाल उठाए. ये पूछा जाने लगा कि क्या बड़े पदों पर बैठे लोग कानून से ऊपर हैं.
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आजतक के रोहित कुमार सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक इस विवाद के बाद अब सीएम नीतीश की सरकारी गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवा दिया गया है. जो कि 19 नवंबर, 2025 तक वैलिड रहेगा.
इससे पहले सीएम नीतीश की गाड़ी पर 23 फरवरी, 2024 को 1 हजार रुपये का चालान काटा गया था. ये चालान सीट बेल्ट नहीं लगाने पर कटा था. रिपोर्ट के मुताबिक अब तक ये चालान नहीं भरा गया है.
पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट यानी PUCC इस बात का प्रमाण होता है कि आपकी मोटर गाड़ी पर्यावरण संबंधी दिशा-निर्देशों को पूरा करती है. टू व्हीलर्स, फोर व्हीलर्स और ट्रकों के लिए PUC सर्टिफिकेट अनिवार्य होता है. डीजल और पेट्रोल दोनों तरह की गाड़ियों को पॉल्यूशन टेस्ट से गुजरना होता है.
नई कार या बाइक का PUC सर्टिफिकेट एक साल के लिए वैलिड होता है. उसके बाद हर 6 महीने से 1 साल में PUC सर्टिफिकेट को रिन्यू कराना होता है. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के एक्सपायर होने के दिन से 7 दिनों का ग्रेस पीरियड मिलता है. इस अवधि में PUC सर्टिफिकेट रिन्यू कराना होता है, नहीं तो फाइन लगता है. बिना वैलिड पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के मोटर गाड़ी चलाने पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगता है. दूसरी बार पकड़े जाने पर जुर्माने की राशि 2 हजार हो जाती है.
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