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USA vs Russia: अमेरिका को भीतर-भीतर कमजोर कर रहा था एक एंटीवायरस, बाइडन को पता लगा, फिर...

अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden ने रूस के एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर Kaspersky Lab पर अमेरिका में प्रतिबंध लगा दिया है.

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर कैस्परस्की लैब पर प्रतिबंध लगा दिया है. (फ़ोटो: X)

अमेरिका (America) और रूस (Russia) के रिश्ते हमेशा से तल्ख रहे हैं. अब ये तल्खी और बढ़ती नजर आ रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने रूस के एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर कैस्परस्की लैब (Kaspersky lab) पर अमेरिका में प्रतिबंध लगा दिया है.

इसके पीछे का कारण कैस्परस्की लैब के इस्तेमाल से खतरा बताया जा रहा है. कैस्परस्की साइबर सुरक्षा और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर है. इसका मुख्यालय रूस के मॉस्को में है. लेकिन इसे यूनाइटेड किंगडम में एक होल्डिंग कंपनी द्वारा चलाया जाता है. अमेरिका का कहना है कि ये कंप्यूटर्स से संवेदनशील जानकारी चुरा सकता है. और सिस्टम में मालवेयर इंस्टॉल कर सकता है या महत्वपूर्ण अपडेट को भी रोक सकता है. 
 
इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक US की कॉमर्स सेक्रेटरी जीना रायमुंडो ने 20 जून को कुछ रिपोर्टर्स के साथ फोन पर बातचीत की. बातचीत के दौरान रायमुंडो ने कहा,

 “रूस ने दिखा दिया है कि उसके पास अमेरिका के लोगों की व्यक्तिगत जानकारी को एकत्र करने के लिए कैस्परस्की जैसी कंपनियां हैं. जिसे वो हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. और यही कारण है कि हम आज जो कार्रवाई कर रहे हैं, उसे करने के लिए बाध्य हैं” 

जीना रायमुंडो के इस बयान पर रूसी दूतावास और कैस्परस्की लैब का कोई जवाब नहीं आया है. लेकिन इससे पहले कैस्परस्की ने कहा था कि उनकी कंपनी का रूसी सरकार के साथ कोई संबंध नहीं है. ना ही वो किसी तरीके की निजी जानकारी को किसी को दे रहे हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में कैस्परस्की सॉफ्टवेयर की बिक्री पर 20 जुलाई से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. हालांकि, बिजनेस समेटने के लिए कंपनी को थोड़ा टाइम दिया जाएगा. रूस की मल्टीनेशनल कंपनी 29 सितंबर तक मौजूदा यूजरों को सॉफ्टवेयर अपडेट की सुविधा दे सकती है.

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कैस्परस्की लंबे समय से रेगुलेटर्स के निशाने पर है. 2017 में, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने संघीय नेटवर्क से अपने प्रमुख एंटीवायरस उत्पाद पर प्रतिबंध लगा दिया था. विभाग ने उस पर रूसी खुफिया एजेंसियों से संबंधों का आरोप लगाया और कहा कि रूसी कानून खुफिया एजेंसियों को कैस्परस्की से सहायता लेने की मंजूरी देता है.

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