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भोपाल के चिल्ड्रन होम से 26 लड़कियां गायब, बाल अधिकार आयोग ने गंभीर आरोप लगाए

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि लापता लड़कियों की पहचान कर ली गई है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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शिकायत के बाद संचालक के खिलाफ केस दर्ज हुआ (फोटो: इंडिया टुडे)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक चिल्ड्रन होम से कथित तौर पर 26 लड़कियां गायब पाई गई हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की जांच के बाद मामले का खुलासा हुआ है. पूछताछ के दौरान चिल्ड्रन होम के संचालक लड़कियों के गायब होने पर जवाब नहीं दे पाए. इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. ये चिल्ड्रन होम लड़कियों के लिए ही बना है.

आजतक से जुड़े रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, परवलिया थाना क्षेत्र में अनिल मैथ्यू एक निजी NGO का हॉस्टल चलाते हैं. हॉस्टल का नाम आंचल बालगृह है. एंट्री रजिस्टर के मुताबिक इस हॉस्टल में 68 लड़कियां रहती हैं. 5 जनवरी को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने हॉस्टल का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने एंट्री रजिस्टर चेक किया. इसमें 68 बच्चियों की एंट्री थी. लेकिन उन 68 में से सिर्फ 41 बच्चियां ही वहां मौजूद थीं. बाकी 26 बच्चियों को लेकर जब संचालक अनिल मैथ्यू से सवाल किया गया तो वो सही जवाब नहीं दे पा रहे थे.

इसके बाद परवलिया थाने में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामले की FIR दर्ज की गई. रिपोर्ट के मुताबिक ये चिल्ड्रन होम अवैध तरीके से चल रहा था.

FIR में क्या है?

दर्ज की गई FIR के मुताबिक, बालिकाओं के लिए संचालित इस हॉस्टल में अनियमितताएं थी. और ये चिल्ड्रेन होम बिना परमिशन के चलाया जा रहा था. हॉस्टल में मध्य प्रदेश के सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट के साथ गुजरात, झारखंड और राजस्थान की बच्चियां थीं. एंट्री के मुताबिक हॉस्टल में 68 बच्चियां होनी चाहिए थीं, जिसमें से सिर्फ 41 ही वहां थीं. 

FIR में आरोप है कि चिल्ड्रेन होम का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया था. हॉस्टल में अलग-अलग धर्मों की बच्चियां रहती हैं. लेकिन उन्हें सिर्फ ईसाई धर्म के मुताबिक पूजा करवाई जाती है. हॉस्टल में CCTV कैमरे भी नहीं है. रात में 2 महिलाओं के अलावा 2 पुरुष गार्ड भी रहते हैं. लेकिन नियमों के मुताबिक गर्ल्स हॉस्टल में सिर्फ महिला गार्ड ही रह सकती हैं.

मामले को लेकर NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने अपने 'X' अकाउंट पर लिखा, 

“कल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के तारा सेवनिया में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष और सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से एक मिशनरी द्वारा संचालित अवैध बाल गृह का निरीक्षण किया. यहां की संचालक NGO हाल तक सरकारी एजेन्सी की तरह चाइल्ड लाइन पार्ट्नर के रूप में कार्यरत रही है. इसने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जो बच्चे सड़कों से रेस्क्यू किए उनको बग़ैर सरकार को सूचना दिए बिना लाइसेंस चलाए जा रहे स्वयं के इस बाल गृह में गुपचुप ढंग से रख कर उनसे ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवाई जा रही हैं. 6 साल से 18 साल तक की 40 से ज्यादा लड़कियों में अधिकांश हिंदू हैं. काफ़ी मुश्किलों के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की है.”

शिवराज सिंह ने क्या कहा?

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मामले को गंभीर बताते हुए राज्य सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की है. शिवराज ने अपने 'X' अकाउंट पर लिखा है कि बिना अनुमति से चल रहे बाल गृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला उनके संज्ञान में आया है. 

इस पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि लापता लड़कियों की पहचान कर ली गई है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया पर बताया,

"भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में संचालित बालगृह से लापता बालिकाओं का वेरिफिकेशन हो गया है, सभी बेटियां सुरक्षित हैं और इनकी पहचान भी कर ली गई है. एक भी दोषी और लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा."

इधर, NCPCR ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर चिल्ड्रन होम में रह रहीं सभी नाबालिग लड़कियों की जानकारी मांगी है. साथ ही चाइल्डलाइन चलाने वाली संस्थाओं की तरफ से चलाए जा रहे सभी चिल्ड्रन होम की जांच और उसकी रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है.