गुजरात के बनासकाठा जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां अमेरिका के शिकागो शहर में बस चुकी एक महिला के टीचर के तौर पर कार्यरत होने का मामला सामने आया है. टीचर का नाम भावनाबेन पटेल है. भावनाबेन पटेल के पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड है. और वो पिछले 8 साल से अमेरिका के शिकागो शहर में रह रही हैं. लेकिन उनका नाम गुजरात के बनासकाठा जिले के अंबाजी में प्राइमरी स्कूल की टीचर के तौर पर अब भी दर्ज है. जबकि भावनाबेन अमेरिका में बसने के चलते कभी स्कूल में पढ़ाने नहीं आती हैं.
अमेरिका में बसेरा, गुजरात के सरकारी स्कूल से सैलरी, बनासकाठा की भावनाबेन ने तो हद कर दी
गुजरात के बनासकाठा से लापरवाही की एक बड़ी घटना सामनेे आई है. यहां अमेरिका के शिकागो शहर में बस चुकी एक महिला के टीचर के तौर पर काम करने का मामला सामने आया है.
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इंडिया टुडे से जुड़े अतुल तिवारी की रिपोर्ट के मुताबिक, भावनाबेन पटेल साल में एक बार गुजरात आती है. जब दीवाली की छुट्टियां चल रही होती है. उस दौरान स्कूल बंद रहता है. यानी गुजरात आने के दौरान भी उन्हें स्कूल नहीं जाना पड़ता है. स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के पैरेंट्स और स्कूल के प्रिंसिपल ने अधिकारियों से उनकी शिकायत की है. लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
स्कूल की प्रिंसिपल पारुलबेन ने बताया कि भावनाबेन पिछले 8 सालों से शिकागो में बस गई हैं. वे दीवाली की छुट्टियों में आती हैं और सरकारी वेतन ले रही हैं. यह बात मेरी जानकारी में आते ही मैंने अधिकारियों को इस घटना के बारे में बताया. ताकि बच्चों की पढ़ाई पर हो रहे नुकसान को रोका जा सके. वहीं इस स्कूल में पढ़ रहे बच्चों ने बताया कि भावनाबेन पिछले दो सालों में कभी उन्हें पढ़ाने नहीं आईं हैं. और न ही उन्होंने भावनाबेन को देखा है.
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वहीं प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में बताया कि भावनाबेन आखिरी बार 25 जनवरी 2023 को स्कूल में आईं थीं. इसके बाद 1 जनवरी 2024 से वो नो वर्क नौ पेमेंट की शर्त के साथ छुट्टी पर हैं. उन्हें स्कूल विजिट के दौरान यह जानकारी मिली तो उन्होंने भावनाबेन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. जिस पर भावनाबेन का जवाब आया था. जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया था. और शिक्षा विभाग से भावनाबेन के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी. हालांकि प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के दावों के बावजूद भावनाबेन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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