यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान दिया है. 4 जुलाई को उन्होंने कहा- हर धर्म के अपने संस्कृति और रीति-रिवाज होते हैं, और उन आस्थाओं के साथ "छेड़छाड़" नहीं करना चाहिए. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मान ने कहा-
AAP ने UCC का समर्थन किया था, अब भगवंत मान की बात केजरीवाल को खटक ना जाए!
AAP ने सैद्धांतिक समर्थन की बात कही थी.

हमारा देश एक गुलदस्ते की तरह है जिसमें हर रंग के फूल हैं. सिख के पास चार लावण हैं, मरने के बाद हमारे पास भोग है. हिंदू विवाह एक्ट में सात फेरों का प्रावधान है. सिखों का कहना है कि आनंद कारज (विवाह समारोह) दोपहर से पहले किया जाना चाहिए. वे (हिन्दू) आधी रात के आसपास फेरे के लिए मुहूर्त निकालते हैं. आदिवासियों के अलग रीति-रिवाज हैं, जैनियों के अलग. आप गुलदस्ता एक ही रंग का क्यों चाहते हैं? उन्हें (केंद्र सरकार) सभी से बात करनी चाहिए और आम सहमति की दिशा में काम करना चाहिए.
मान आगे कहते हैं-
मुझे नहीं पता कि वे (आस्थाओं के साथ) इस तरह से छेड़छाड़ क्यों करते हैं. यह भाजपा का एजेंडा है - वह चुनाव के दौरान विभाजन करना चाहती है. AAP एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, हम चाहते हैं कि सभी एक साथ रहें. वे कहते हैं कि वे इसे संविधान के अनुसार लागू कर रहे हैं. संविधान क्या कहता है? संविधान कहता है कि यदि सामाजिक समानता है, तो यूसीसी लागू हो सकता है. लेकिन क्या सामाजिक तौर पर हम सब बराबर हैं? ऐसे बहुत से लोग हैं जो शिक्षित नहीं हो पाए, जिनके पास नौकरी नहीं है.
मान के इस बयान को उनकी पार्टी के स्टैंड से अलग माना जा रहा है. हाल ही में आम आदमी पार्टी के जनरल सेक्रेटरी संदीप पाठक ने कहा था कि हम सैद्धांतिक रूप से यूसीसी का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 44 यह भी कहता है कि देश में यूसीसी होना चाहिए. लेकिन...सभी धार्मिक नेताओं, राजनीतिक दलों और संगठनों के साथ व्यापक परामर्श किया जाना चाहिए और आम सहमति बनाई जानी चाहिए. कुछ निर्णयों को पलटा नहीं जा सकता, कुछ मामले राष्ट्र के लिए मौलिक हैं.
हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी मान के बयान का बचाव किया है. आप कहना है कि मान ने पार्टी से अलग बयान नहीं किया है, उन्होंने पार्टी के ही स्टैंड को दोहराया.
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