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सेक्स वर्कर्स को मैटरनिटी लीव, पेंशन, हेल्थ इंश्योरेंस देने वाला पहला देश बना बेल्जियम

इस कानून को सेक्स वर्कर्स के खिलाफ होने वाले दुर्व्यवहारों और शोषण को रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. अब ये कानून देश में लागू हो गया है.

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पिछले कुछ सालों में कई देशों में सेक्स वर्क को वैध माना गया है. (फोटो - AFP)

बेल्जियम दुनिया का पहला ऐसा देश बना है जहां सेक्स वर्कर्स (Belgian sex workers) भी अब मैटरनिटी लीव ले पाएंगी. देश में एक दिसंबर से नया कानून लागू हुआ है जिसमें सेक्स वर्कर्स के पास सिक लीव, स्वास्थ्य बीमा और पेंशन पाने का अधिकार होगा. और ये सब उनके रोजगार अनुबंध का हिस्सा होगा. नए कानून में सेक्स वर्कर्स को कई मामलों में कानूनी संरक्षण दिए गए हैं.

ब्रिटिश अखबार 'द गार्डियन' की रिपोर्ट के मुताबिक, बेल्जियम के सांसदों ने सेक्स वर्कर्स के इन अधिकारों के लिए मई महीने में ही वोट किया था. इसके तहत उन्हें दूसरे नौकरीपेशा लोगों की तरह संरक्षण देना शामिल है. उन्हें आधिकारिक रूप से एम्प्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स दिए जाएंगे. इसे सेक्स वर्कर्स के खिलाफ होने वाले दुर्व्यवहारों और शोषण को रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. अब ये कानून देश में लागू हो गया है.

मना करने का अधिकार

नए कानून के तहत सेक्स वर्कर्स के पास सेक्सुअल पार्टनर को इनकार करने या सीमित रूप से सेक्सुअल एक्टिविटी करने का अधिकार होगा. साथ ही संबंध बनाने के दौरान वो किसी भी वक्त सेक्सुअल एक्ट को रोक सकेंगी. इन वजहों से उन्हें काम से निकाला नहीं जाएगा.

इसके अलावा, जिस जगह सेक्स वर्कर्स काम करेंगी वहां पैनिक बटन होंगे. कानून के हिसाब से वहां साफ चादर, पानी और कॉन्डम जैसी चीजें अनिवार्य होंगी.

बेल्जियम ने साल 2022 में सेक्स वर्क को अपराध की श्रेणी से बाहर किया था. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी, ग्रीस, नीदरलैंड्स और तुर्की सहित कुछ देशों में भी सेक्स वर्क वैध है. लेकिन इस तरीके से सेक्स वर्कर्स को अधिकार देने वाला बेल्जियम पहला देश है.

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रिपोर्ट बताती है कि बेल्जियम का ये नया कानून साल 2022 में हुए प्रदर्शन के कारण सामने आया है. कोविड महामारी के दौरान सरकार से मदद नहीं मिलने के बाद सेक्स वर्कर्स ने महीनों तक प्रदर्शन किया था.

बेल्जियन यूनियन ऑफ सेक्स वर्कर्स ने नए कानून को सेक्स वर्कर्स के खिलाफ होने वाले कानूनी भेदभाव के खिलाफ एक बड़ा कदम बताया है. लेकिन बयान में ये भी कहा गया है कि इसका इस्तेमाल सेक्स वर्क को कम करने या खत्म करने के लिए किया जा सकता है. यूनियन ने कहा है, 

"पहले ही कुछ नगर निगम में 'सुरक्षा' और 'साफ-सफाई' शब्दों के जरिये बहुत सख्ती से स्थानीय नियम लागू हो रहे हैं. इसके कारण उन इलाकों में सेक्स वर्क लगभग असंभव बना हुआ है."

गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ फेमिनिस्ट संगठनों ने इस कानून की आलोचना की है. जब 2023 में इसके लिए बिल लाया गया था, तब 'काउंसिल ऑफ फ्रैंकोफोन वीमेन ऑफ बेल्जियम' ने कहा था कि ये कानून जवान लड़कियों और तस्करी की पीड़ित लड़कियों के लिए नुकसानदायक होने वाला है.

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