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पूर्व कांग्रेस CM के बेटे ने BBC डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया, फिर ट्रोलिंग की बात कह पार्टी छोड़ दी

'एक ट्वीट हटाने के लिए मुझे फोन आए.'

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अनिल एंटनी (तस्वीर - ट्विटर)

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी (AK Antony) के बेटे अनिल के एंटनी ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है. एक दिन पहले ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी BBC की डॉक्यूमेंट्री (India: the Modi question) का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि इस विरोध के चलते उन्हें ट्रोल किया गया और इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया. अनिल ने ट्वीट किया,

"मैंने कांग्रेस के सारे पदों से इस्तीफ़ा दे दिया है. एक ट्वीट हटाने के लिए मुझे फोन आए. उनसे, जो अभिव्यक्ति की आज़ादी की आजादी की बात करते हैं. मैंने अपना कॉमेंट हटाने से इनकार कर दिया. फेसबुक पर भी यही हाल था. ये उनका काम है, जो मोहब्बत फैलाने की बात करते हैं. ये दोहरापन है. जीवन चलता रहेगा."

BJP का समर्थन?

दरअसल, भारतीय वामपंथी छात्र संघ (SFI) सहित अन्य छात्र संगठनों ने 24 जनवरी को केरल के अलग-अलग इलाक़ों में BBC की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करवाई. इसके बाद केरल में भाजपा के युवा मोर्चा ने विरोध मार्च निकाला.

और, इसी में एक विरोध कांग्रेस के अंदर से ही आया. अनिल के एंटनी ने डॉक्यूमेंट्री का विरोध करते हुए कहा कि ब्रितानी ब्रॉडकास्टर्स के विचारों को भारत की संस्थाओं के ऊपर रखना गलत है. इससे देश की संप्रभुता पर सवाल उठ सकते हैं. अनिल ने ट्वीट करते हुए कहा, 

"BJP से तमाम मतभेदों के बावजूद मेरे हिसाब से जो भी लोग एक देश के स्टेट-स्पॉन्सर्ड चैनल को भारत की संस्थाओं के ऊपर रख रहे हैं, वो हमारी संप्रभुता को नीचा दिखा रहे हैं. वो भी उस चैनल के, जिसका पूर्वाग्रहों का इतिहास रहा है. और जैक स्ट्रॉ के, जो इराक़ की जंग के लिए ज़िम्मेदार है."

एंटनी ने लिखा कि एक दिन की भरपूर 'ट्रोलिंग' के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फ़ैसला कर लिया. अपने इस्तीफ़े में अनिल ने शशि थरूर को उनके सपोर्ट के लिए आभार प्रकट किया है. उन्होंने पार्टी पर तंज़ भी किया है. लिखा कि वो पार्टी में बहुत कुछ अच्छा कर सकते थे, लेकिन पार्टी में केवल 'सनकियों' और 'चमचों' की जगह बाक़ी है. चापलूसी करना मेरिट का इकलौता पैमाना बन गया है.

अनिल के पिता एके एंटनी पुराने कांग्रेसी हैं. एके एंटनी या अरकापरम्बिल कुरियन एंटनी भारत के 23वें रक्षा मंत्री रहे. वो लगभग 8 सालों तक रक्षा मंत्री रहे, जो बाक़ी सभी रक्षा मंत्रियों के कार्यकाल से ज़्यादा है. राज्य सभा सांसद भी थे: 1985 से 1995 तक और फिर 2005 से 2022 तक. तीन बार केरल के मुख्यमंत्री भी रहे हैं. और, अभी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के अध्यक्ष हैं, कांग्रेस कार्य समिति, कांग्रेस कोर ग्रुप और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य भी हैं.

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