भारत सरकार ने हाल में रिलीज हुई बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री 'द मोदी क्वेश्चन' (The Modi Question) को प्रोपेगैंडा बताया है. सरकार का कहना है कि ये डॉक्यूमेंट्री बदनाम करने की नैरेटिव के तहत बनाई गई है. दो एपिसोड वाली इस डॉक्यूमेंट्री का पहला हिस्सा 17 जनवरी को रिलीज हुआ. डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक सफर और 2002 में उनके गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए दंगों के बारे में दिखाया गया है. दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होने वाला है.
गुजरात दंगों पर BBC की डॉक्यूमेंट्री पर सरकार ने क्या कहा?
इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाया गया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 19 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि डॉक्यूमेंट्री भारत में रिलीज नहीं हुई है. बागची ने पत्रकारों से कहा,
"हमें लगता है कि यह एक प्रोपेगैंडा का हिस्सा है. जिसे एक खास नैरेटिव के तहत बनाया गया है. इसमें पूर्वाग्रह, पक्षपाती और औपनिवेशिक मानसिकता साफ-साफ दिखती है."
अरिंदम बागची ने आगे कहा कि अगर यह फिल्म या डॉक्यूमेंट्री कुछ है तो वो उन एजेंसी या लोगों की मानसिकता की ही झलक है जो उस नैरेटिव को बार-बार दोहराते हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसके पीछे का उद्देश्य और एजेंडा देखकर हमें आश्चर्य हो रहा है. हम इस तरह की कोशिशों को तवज्जो नहीं देना चाहते हैं.
डॉक्यूमेंट्री भारत में रिलीज नहीं हुई है. कुछ लोगों ने इसे यूट्यूब पर अपलोड किया था हालांकि बाद में इसे हटा दिया गया. डॉक्यूमेंट्री में ब्रिटिश सरकार की इन्क्वायरी टीम की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है. हालांकि ये रिपोर्ट आज तक पब्लिश नहीं हुई है. इस डॉक्यूमेंट्री में दंगों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाया गया है.
वहीं इस मामले पर बीबीसी के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि इस सीरीज में उठाए गए मुद्दों पर भारत सरकार से जवाब मांगा गया था. लेकिन भारत सरकार ने जवाब देने से इनकार कर दिया.
27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाए जाने के कारण 59 हिंदू यात्रियों की मौत हुई थी. ट्रेन में कारसेवक भरे थे. इसके बाद अगले कुछ दिनों तक गुजरात के अलग-अलग शहरों में सांप्रदायिक दंगे हुए. आधिकारिक आकंड़े बताते हैं कि इन दंगों में हजार से ज्यादा लोग मारे गए. इनमें 790 मुसलमान थे और 254 हिंदू थे.
दंगों में राज्य सरकार और नरेंद्र मोदी की भूमिका पर पहले भी सवाल उठे थे. हालांकि नरेंद्र मोदी ने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया है कि उन्होंने दंगों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया. कई जांच एजेंसियां भी नरेंद्र मोदी को इस मामले में क्लीन चिट दे चुकी है.
गोधरा का निडर सांसद पीलू मोदी, जिससे प्रधानमंत्री भी डरते थे