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जेल से ही सांसद बने इंजीनियर रशीद को शपथ के लिए जमानत क्यों नहीं मिली?

टेरर फंडिंग मामले में सजा काट रहे रशीद ने अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी. देश के नवनिर्वाचित सांसद 24 जून से शपथ लेंगे.

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जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को इंजीनियर राशिद ने बारामूला में हरा दिया. (Credit:PTI)

जम्मू-कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय सांसद शेख अब्दुल रशीद इंजीनियर की याचिका पर अब 22 जून को सुनवाई होगी. टेरर फंडिंग मामले में सजा काट रहे रशीद ने अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी. देश के नवनिर्वाचित सांसद 24 जून से शपथ लेंगे. ऐसे में सांसद रशीद ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अंतरिम याचिका दायर की थी.

‘तय करें कौन सी तारीख को लेंगे शपथ’

इंडिया टुडे के संवाददाता संजय शर्मा के अनुसार, इंजीनियर रशीद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल रशीद की सुनवाई 22 जून तक के लिए स्थगित कर दी गई है. अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. वहीं रशीद के वकील विख्यात ओबरॉय ने बताया, “शपथ लेने की तारीखें तय नहीं हुई हैं. कोर्ट ने उसे तय करने को कहा है. क्योंकि 24, 25 और 26 जून तीनों दिन शपथ दिलाई जाएगी. लेकिन कौन सा सांसद किस दिन शपथ लेगा इसको लेकर संसद भवन से लिस्ट जारी नहीं हुई है.”

ऐसे उदाहरण हैं जब जेल में बंद जनप्रतिनिधियों को शपथ लेने के लिए छूट दी गई है. इसी साल आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए कोर्ट ने इजाजत दी थी. इससे पहले साल 2021 में असम की शिवसागर (सिबसागर) सीट से विधायकी का चुनाव जीतने वाले अखिल गोगोई को भी शपथ लेने के लिए राहत मिली थी. UAPA के तहत जेल में बंद गोगोई को NIA कोर्ट ने ही अस्थाई पैरोल दी थी. 

कौन हैं इंजीनियर रशीद?

रशीद साल 2019 से गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम), अधिनियम (UAPA) के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जांच कर रही है. शेख अब्दुल रशीद ने इस बार निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ा था. उन्होंने बारामूला से नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया.

राशिद को 2016 में आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. रशीद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली के मामले में हुई जांच के दौरान सामने आया था. एनआईए ने वटाली को कश्मीर घाटी में कथित रूप से टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. उसने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन सहित कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.

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