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अमोघ लीला दास ने माफी मांगी, विवेकानंद पर टिप्पणी के बाद ISKCON ने लगाया था बैन

स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस पर टिप्पणी कर घिरे थे अमोघ.

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एक महीने का लगा था बैन, अमोघ लीला दास ने मांग ली माफी (साभार - आजतक)

इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्ण कॉन्शियसनेस (ISKCON) से जुड़े ‘ब्रह्मचारी भिक्षु’ अमोघ लीला दास ने माफी मांगी है. अमोघ ने हाल ही में स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस के बारे में कुछ टिप्पणियां कीं थी, जिन पर सोशल मीडिया पर लोग भड़क गए. जिसके बाद ISKCON ने अमोघ पर एक महीने का बैन लगा दिया है.

अमोघ ने अपने माफीनामे में कहा,

‘ये वीडियो क्षमा मांगने के लिए है. उन सभी लोगों और संतो से पता है जिनको आघात पहुंचा है मेरे हालिया कॉमेंट्स से. जो मैंने स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस पर किए थे. मैं क्षमा चाहता हूं. मेरी बिलकुल भी मंशा नहीं थी कि मैं ऐसा कुछ भी बोलूं जिससे किसी का हृदय दुखे. पर सवाल-जवाब सत्र में किसी ने एक सवाल पूछा, जिसके जवाब से मैंने कुछ ऐसा कहा जिससे लोगों का दिल दुखा. मैं भविष्य में भी इस चीज का पूरा ध्यान रखूंगा.’

अमोघ लीला ने क्या कहा था?

10 जुलाई को अमोघ लीला का प्रवचन देते हुए एक वीडियो सामने आया था. इसमें उन्होंने विवेकानंद का नाम लेते हुए ये कहा,

‘मछली को दर्द होता है. और अगर विवेकानंद अगर मछली खाएं, तो क्या एक सिद्ध पुरुष मछली खा सकता है? सिद्ध पुरुष के ह्रदय में करुणा होती है. क्या सिद्ध पुरुष फा-फा-फा-फा (सिगरेट पीने का इशारा करते हुए) कर सकता है? एक व्यक्ति के तौर पर मैं आपको नमन करूंगा. आप शिकागो गए, आपने हिंदुत्व को लेकर अच्छा स्पीच दिया- My dear brother and sisters! थैंक्यू. नाइस. जो प्रशंसा करने वाली चीज है उसकी प्रशंसा भी करेंगे और करते भी हैं हम. लेकिन जो चीज स्वीकार्य नहीं है वो स्वीकार्य नहीं है.’

अमोघ लीला ने आगे कहा,

‘जतो-मत, तथो-पथ. कोई पूछे अगर मुझे ऑस्ट्रेलिया जाना है तो कैसे पहुंचेगे? यतो मत, तथो पथ. जिस रास्ते से निकलना है निकल जाओ. सब रास्ते ऑस्ट्रेलिया जाते हैं. वो अंटार्कटिका निकल गया. वो अलास्का पहुंच गया. वो पहुंचेगा ऑस्ट्रेलिया? नहीं, सारे रास्ते ऑस्ट्रेलिया नहीं जाते. मेरे को यहां से मायापुरी जाना है. कहता है, सब रास्ते, गंगा नदी के इस तरफ निकल जाओ, उस तरफ निकल जाओ. सब रास्ते मायापुर. इधर निकल जाओ, उधर निकल जाओ, मायापुर. ऊपर निकल जाओ मायापुर. नीचे निकल जाओ मायापुर. सब रास्ते मायापुर जाते हैं. जतो मत, ततो पथ. ये तो लॉजिकली भी सेन्स नहीं बनाता न? आप GPS पर डालो तो क्या सारे रास्ते वहीं जाते हैं? किसको मानेंगे, जतो मत-ततो पथ को मानेंगे या भगवद्गीता को मानेंगे? विवेकानंद को मानेंगे या भगवद्गीता को मानेंगे?’

अमोघ के इसी प्रवचन से सोशल मीडिया पर हंगामा कट गया था. इसके बाद ही ISKCON कोलकाता के वाइस प्रेसिडेंट राधारमण दास की तरफ से मंगलवार 11 जुलाई को एक प्रेस रिलीज जारी कर अमोघ लीला पर लगाए गए बैन की जानकारी दी गई. बताया गया कि अपनी टिप्पणी के लिए प्रायश्चित के तौर पर अमोघ लीला एक महीने तक सार्वजनिक जीवन से दूर जंगल में रहेंगे.

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