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'ममता बनर्जी की बातें भ्रामक... ' बांग्लादेशियों को बंगाल बुलाने वाले बयान पर पड़ोसी देश का लेटर आ गया

Mamata Banerjee ने कहा था कि Bangladesh से आने वाले असहाय लोगों को West Bengal में आश्रय दिया जाएगा. अब बांग्लादेश ने इस बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए केंद्र सरकार को एक आधिकारिक नोट भेजा है. क्या कहा है बांग्लादेश ने इस मसले पर?

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बांग्लादेश ने केंद्र सरकार को एक 'आधिकारिक नोट' भेजा है. (तस्वीर: PTI)
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इंद्रजीत कुंडू

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के एक बयान पर बांग्लादेश सरकार ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. ममता बनर्जी ने हिंसाग्रस्त बांग्लादेश से आए ‘असहाय लोगों को आश्रय’ देने संबंधी बयान दिया था. पड़ोसी देश ने इस मामले में 23 जुलाई को नई दिल्ली को एक आधिकारिक नोट भेजा है. 

इंडिया टुडे से जुड़े इंद्रजीत कुंडू की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने इस मामले में बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी के साथ उनके करीबी संबंध हैं. उन्होंने कहा,

“पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रति सम्मान के साथ, हम ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनकी टिप्पणियों में भ्रम की बहुत गुंजाइश है. इसलिए हमने भारत सरकार को एक नोट दिया है.”

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'शरणार्थियों को आश्रय देगा बंगाल'

ममता बनर्जी ने 21 जुलाई को एक बयान दिया था. उन्होंने बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और विरोध प्रदर्शनों पर कॉमेंट किया था. उन्होंने कहा था कि राज्य पड़ोसी देश के ‘संकट में फंसे लोगों’ के लिए अपने दरवाजे खुले रखेगा और उन्हें आश्रय देगा. बनर्जी ने एक रैली में कहा,

"अगर असहाय लोग पश्चिम बंगाल के दरवाजे खटखटाते हैं, तो हम निश्चित रूप से उन्हें आश्रय देंगे"

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा था कि विदेशी मुद्दों पर टिप्पणी करना केंद्र का विषय है. बनर्जी ने शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का हवाला देते हुए अपने रुख को सही ठहराया. उन्होंने कहा,

"ऐसा इसलिए है क्योंकि अशांति वाले क्षेत्रों के आस-पास के क्षेत्रों में शरणार्थियों को आश्रय देने के लिए संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव है."

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इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बनर्जी से उनकी टिप्पणी पर रिपोर्ट मांगी है. राजभवन ने कहा है कि विदेशी मामलों से संबंधित किसी भी मामले को संभालना केंद्र का विशेषाधिकार है. राज्यपाल कार्यालय ने अपने एक बयान में कहा था,

“मुख्यमंत्री ने विदेश से आने वाले लोगों को आश्रय देने की जिम्मेदारी लेने वाला सार्वजनिक बयान दिया. ये बयान बहुत गंभीर प्रकृति का संवैधानिक उल्लंघन है.”

Bangladesh में हिंसा

बांग्लादेश में खासकर राजधानी ढाका और अन्य जगहों पर हिंसा हो रही है. इसमें कई लोगों की मौत हो गई. यहां छात्रों ने सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. शेख हसीना सरकार का समर्थन करने वाले छात्रों का एक समूह भी सड़कों पर उतर आया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई. विरोध प्रदर्शन एक महीने से अधिक समय से चल रहा है, लेकिन पिछले हफ्ते ढाका विश्वविद्यालय में पुलिस कार्रवाई के बाद ये और बढ़ गया है.

वीडियो: बंगाल में बीड़ी बनाने वाले ममता बनर्जी से क्यों गुस्सा हैं?