दिल्ली(Delhi bike taxi ban) में OLA, Uber, Rapido की बाइक सर्विस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 2 याचिकाएं दायर की थीं. ये हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ थीं, जिसमें कहा गया था कि प्रशासन गैर-परिवहन दोपहिया वाहनों के लिए एक पॉलिसी लेकर आएगा. अंतिम पॉलिसी के नोटिफिकेशन आने तक रैपिडो और ऊबर को दिल्ली में बाइक चलाने की छूट दी गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर स्टे लगा दिया है. इसके बाद यहां बाइक टैक्सी नहीं चल सकेंगी.
सिर्फ दिल्ली नहीं, इन राज्यों में भी टैक्सियां बैन, एक जगह तो ड्राइवर पर रेप का आरोप था!
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में रैपिडो, ओला-ऊबर की बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाया है. जानें सरकारें क्यों लगाती हैं ऐसे प्रतिबंध?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतिम पॉलिसी बनने तक दिल्ली में बाइक टैक्सी नहीं चलेगी. दिल्ली सरकार ने 2023 की शुरुआत में बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. इसका उल्लंघन करने पर सरकार ने 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने की बात कही थी.
दिल्ली में क्यों लगा बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध?इसका मुख्य कारण दिल्ली परिवहन विभाग के नियमों का उल्लंघन है. इनके अनुसार, "नॉन-कमर्शियल नंबर वाले दोपहिया वाहन यात्रियों को लाने-ले जाने का व्यवसायिक काम नहीं कर सकते."
परिवहन विभाग ने कहा कि, "हमें सूचना मिली है कि नॉन-ट्रॉन्सपोर्ट रजिस्ट्रेशन मार्क या नंबर वाले दोपहिया वाहन यात्रियों को लाने-ले जाने का काम कर रहे हैं. वे ये किराए या इनाम के एवज में कर रहे हैं. ये सीधे तौर पर ऐसे वाहनों का व्यवसायिक इस्तेमाल है. जो कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 का उल्लंघन है."
कर्नाटक में कैब और बाइक पर प्रतिबंधये पहली बार नहीं है कि किसी राज्य में टैक्सी सर्विसेस पर प्रतिबंध लगाया गया है. इससे पहले कर्नाटक सरकार भी ऐसा आदेश ला चुकी है. राज्य सरकार ने अक्टूबर 2022 में ऐप से चलने वाली कैब और बाइक पर प्रतिबंध लगाया था. ऐसा इन कैब और बाइक के ज्यादा किराया वसूलने के चलते हुए था.
कर्नाटक सरकार ने ऑटो से यात्रा करने पर पहले 2 किमी के लिए 30 रुपए किराया तय किया है. इससे आगे जाने पर हर किमी के लिए 15 रुपए चुकाने होते हैं. ऐप से चलने वाली कैब 2 किमी से भी कम की दूरी के लिए 100 रुपए तक का किराया वसूल रही थीं. 292 नागरिकों ने इसकी शिकायत की. ये कंपनियां राज्य में टैक्सी के रूप में ऑटो भी चला रही थीं. राज्य सरकार के नियमों के अनुसार ऐसा नहीं किया जा सकता. इसके चलते सरकार ने इन्हें बंद कर दिया था.
गोवा में भी ऐप से चलने वाली टैक्सियों पर प्रतिबंध है. यहां राज्य सरकार की टैक्सी सर्विस 'गोवा माइल्स' काम करती है. गोवा माइल्स का गोवा टूरिज्म के साथ 25 साल का अनुबंध है.
यहां की स्थानीय टैक्सी सर्विसेस और ऐप से चलने वाली कैब के बीच यहां हमेशा से संघर्ष की स्थिति रही है. 2014 में यहां ओला, ऊबर ने अपनी टैक्सियां चलाने की कोशिश की थी. ये कुछ ही हफ्तों के अंदर बंद हो गई थीं.
तमिलनाडु में भी प्रतिबंधित हैं बाइक टैक्सीइनके अलावा अलग-अलग समय पर कई राज्यों ने ऐप से चलने वाली टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाया है. 2019 में मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में रैपिडो को बैन कर दिया था. यहां भी मामला मोटर व्हीकल एक्ट के उल्लंघन का था. यहां अभी तक रैपिडो जैसी बाइक टैक्सियां नहीं चल सकी हैं.
इससे पहले 2014 में दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और तेलंगाना में भी ऐप से चलने वाली टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. ये एक महिला के ऊबर ड्राइवर पर लगाए गए रेप के आरोप के बाद हुआ था. हालांकि, बाद में इस प्रतिबंध को हटा लिया गया था.