The Lallantop

बहराइच में चलेगा बुलडोजर? नोटिस के बाद लोगों ने दुकान और घर खाली किए

Bahraich Violence Latest Update: इस मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर से लेकर मस्जिद की 4 दुकानों समेत 23 घरों पर नोटिस चिपकाया गया है. इनमें 3 हिंदू और 20 मुसलमान शामिल हैं. अबतक 87 लोगों को अरेस्ट किया गया है.

post-main-image
नोटिस के बाद दुकान खाली करते लोग. (फोटो: PTI)
author-image
संतोष शर्मा

बहराइच (Bahraich) में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने 23 लोगों को नोटिस जारी किया है. महाराजगंज के रहने वाले इन लोगों को 3 दिनों के भीतर अवैध निर्माण हटाने को कहा गया है. 19 अक्टूबर से ही लोगों ने अपन घरों और दुकानों को खाली करना शुरू कर दिया है. हाल ही में यहां हुई सांप्रदायिक हिंसा में 22 साल के एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी.

PWD की ओर से जारी किए गए नोटिस में 17 अक्टूबर की तारीख लिखी है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नोटिस को लोगों के घरों के बाहर 18 अक्टूबर की शाम को चिपकाया गया है. नोटिस में लिखा है कि अगर 3 दिनों के भीतर अवैध निर्माण को नहीं हटाया गया तो पुलिस और प्रशासन की मदद से इसे हटाया जाएगा. साथ ही इस पर आने वाला खर्चा भी उन्हीं से वसूला जाएगा, जिनके नाम ने नोटिस जारी किया गया है.

4 दुकान समेत 23 घर

13 अक्टूबर को यहां सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी. इसके बाद से इलाका सुनसान दिखाई दे रहा था. नोटिस के बाद यहां चहलकदमी बढ़ी है. लोग अपने-अपने घरों और दुकानों से सामान निकालकर उसे सुरक्षित जगह पर ले जा रहे हैं. साथ ही दुकानों और घरों के बाहर लगे टिन शेड को भी हटा रहे हैं. इस मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर से लेकर मस्जिद की 4 दुकानों समेत 23 घरों पर नोटिस चिपकाया गया है. इनमें 3 हिंदू और 20 मुसलमान शामिल हैं.

Bahraich Violence
PWD के नोटिस के बाद अपने ही घर को तोड़ते लोग. (फोटो: PTI)

62 साल के जौहरी अब्दुल हमीद को भी नोटिस दिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमीद को उनके 3 बेटों और 1 पड़ोसी के साथ इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. स्थानीय निवासी संतोष कुमार तिवारी के छोटे भाई सरोज कुमार तिवारी झड़प में घायल हो गए थे. सरोज का अस्पताल में इलाज चल रहा है. संतोष ने बताया कि ज्यादातर लोग दुकान से अपना सामान अपने नजदीकी घरों में भेज रहे हैं. और स्थिति सामान्य होने तक वहीं से अपना कारोबार संभालने की योजना बना रहे हैं.

एक अन्य स्थानीय निवासी मून जायसवाल के घर पर भी नोटिस लगा है. मून इंडिया टुडे ग्रुप को बताते हैं कि उनको अब तक प्रशासन से कोई नोटिस नहीं मिला था. लेकिन अब अचानक 3 दिनों में मकान गिराने का नोटिस मिला है. उन्होंने कहा कि उनका घर रातों-रात एक फसाद के बाद अवैध बता दिया गया.

क्या है पूरा मामला?

13 अक्टूबर को शाम को रहुआ मंसूर गांव में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी. आरोप है कि जुलूस में शामिल राम गोपाल ने दूसरे समुदाय के एक घर की छत पर जाकर नारेबाजी की और भगवा झंडा लहराया. उसने वहां पहले से लगे एक झंडे को भी निकाल दिया. आरोप है कि इसके बाद राम गोपाल को अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई.

इस मामले के 2 आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद पकड़ा था. आरोपी सरफराज और तालिम इस मुठभेड़ में घायल हो गए थे. 18 अक्टूबर तक इस मामले में दोनों समुदाय के 87 लोग गिरफ्तार हुए हैं. हिंसा के बाद 6 नामजद सहित लगभग 1 हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ कुल 11 मुकदमे दर्ज हुए थे. 

अब PWD के नोटिस के बाद कई घरों और दुकानों पर बुलडोजर का खतरा मंडरा रहा है. UP समेत कई अन्य राज्यों में आरोपियों पर ऐसी कार्रवाई पहले भी हो चुकी है. इसको लेकर 1 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर सख्त टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई व्यक्ति आरोपी है या फिर दोषी साबित हो चुका है, तो उसके खिलाफ बदले के तौर पर बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जा सकती.

वीडियो: बहराइच हिंसा के बाद 23 घरों पर चिपके नोटिस, बुलडोजर एक्शन पर क्या बोलीं महिलाएं?