विवादों में घिरे बागेश्वर धाम बाबा (Bageshwar Baba) को अब शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने चुनौती दी है. शंकराचार्य ने कहा कि चमत्कार दिखाने वाले जोशीमठ आएं और धसकती जमीन रोककर दिखाएं, तब उनकी जय, जयकार करेंगे, नमस्कार करेंगे. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शनिवार, 21 जनवरी को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मीडिया से बात की.
बागेश्वर बाबा को जोशीमठ के शंकराचार्य ने क्या चुनौती दे दी?
शंकराचार्य ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कथित चमत्कार पर सवाल खड़े किए.
यहां उन्होंने रायपुर में दरबार लगाकर कथित चमत्कार दिखा रहे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती दी. शंकराचार्य ने कहा,
"हम उनके लिए फूल बिछाएंगे कि आओ, ये जो हमारे मकान में दरार आ गई है, हमारे मठ में आ गई है, उसे जोड़ दो. अगर किसी के पास कोई अलौकिक शक्ति आ गई है और जादूगर की तरह छड़ी घुमा कर अचानक कुछ कर सकते हैं तो उन्हें यह करना चाहिए. हम लोग तो ऐसा चमत्कार नहीं जानते.
कोई ऐसा चमत्कारी पुरुष है तो धर्मांतरण रोक दे. लोगों की आत्महत्या रोक दे. लोगों के घरों में झगड़े हो रहे हैं, फसाद हो रहे हैं, सुमति ला दे. पूरा देश आकर एक-दूसरे से प्यार करने लग जाए. जो वर्गों में विद्वेष हो रहे हैं, उन वर्गों के विद्वेष को रोक दे. ऐसा कुछ जनता और राष्ट्र के लिए उपयोगी चमत्कार कर के दिखाए, तब हम उसको चमत्कारी पुरुष कह सकते हैं."
इसके साथ ही शंकराचार्य ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कथित चमत्कार पर सवाल खड़े किए. शंकराचार्य ने कहा,
धीरेंद्र शास्त्री विवादों में क्यों?“सारे देश की जनता चमत्कार चाहती है कि कोई चमत्कार हो जाए. कहां हो रहा है चमत्कार. जो चमत्कार हो रहे हैं, अगर जनता की भलाई में उनका कोई विनियोग हो तो हम उनकी जय-जयकार करेंगे, नमस्कार करेंगे. नहीं तो ये चमत्कार छलावा है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है.”
हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान धीरेंद्र शास्त्री पर गंभीर आरोप लगे थे. रामकथा के साथ धीरेंद्र शास्त्री 'दिव्य चमत्कारी दरबार' लगाते हैं. मानने वाले बहुत महिमामंडन करते हैं. ऐसी ही एक 'श्रीराम चरित्र-चर्चा' महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित हुई थी. तय तो था कि ये कथा 13 जनवरी तक चलेगी, लेकिन कार्यक्रम दो दिन पहले यानी 11 जनवरी को ही संपन्न हो गई.
क्यों? क्योंकि नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने आरोप लगाए कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में धीरेंद्र शास्त्री 'जादू-टोना' करते हैं. देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है. समिति ने पुलिस से मांग भी की है कि धीरेंद्र शास्त्री पर कार्रवाई हो. इस वजह से धीरेंद्र को कार्यक्रम छोड़कर भागना पड़ा.
हालांकि, धीरेंद्र ने नागपुर से कथा छोड़कर भागने पर सफ़ाई दी. स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके गुरु जी के जन्मदिन की वजह से सभी जगहों की कथा से 2-2 दिन कम कर दिए गए हैं. इसीलिए नागपुर की कथा से भी दो दिन कम की गई.
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