गुट्टा ने अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में एक आर्टिकल लिखा है. अपने इस आर्टिकल में उन्होंने एथलीट्स से आगे आकर देश में चल रहे बवाल पर बोलने की गुज़ारिश की है. गुट्टा ने अपने साथी एथलीट्स के चुप रहने पर सवाल उठाए हैं.
# बात करें एथलीट
कुछ दिनों से सिटिजनशिप अमेडमेंट एक्ट (CAA) से लेकर कई मुद्दों पर देश में प्रदर्शन हो रहे हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया से लेकर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी तक में स्टूडेंट्स के साथ हिंसा हुई. इन मामलों पर खेलों से जुड़े बेहद कम लोगों ने कमेंट किया था. गुट्टा को लगता है कि इस मामले पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को बात करनी चाहिए. गुट्टा ने लिखा,'हम देश के लिए खेलते हैं. हम एथलीट हैं, हम किसी राजनैतिक दल को रिप्रेजेंट नहीं करते, हम देश को रिप्रेजेंट करते हैं. युवा हमारी तरफ उम्मीद से देखते हैं. इसलिए जब आप तनाव से गुजर रहे हैं, देश में अशांति है, आप हिंसा के खिलाफ बोल सकते हैं. मैं यह आपसे यह नहीं कह रही कि आप किसी का पक्ष लें या कहें कि CAA सही है या गलत, लेकिन छात्रों के साथ जैसा व्यवहार हो रहा है वह गलत है.'गुट्टा ने लिखा कि एथलीट्स को इसलिए भी प्रोटेस्ट करना चाहिए क्योंकि वे दुनिया में देश के शांतिदूत हैं. अगर वही इसकी आलोचना नहीं करेंगे तो कौन करेगा.
Jwala Gutta, Boxer Vijender Singh, Wrestler Sushil Kumar की फाइल फोटो
गुट्टा ने लिखा,
'मुझे सच में समझ नहीं आता कि एथलीट्स क्यों सामने आकर हिंसा का विरोध नहीं करते. आखिर क्या दांव पर लगा है? आपकी ट्रेनिंग और परफॉर्मेंस आपके अपने हाथ में है. आपको क्या नहीं मिलेगा? शायद कुछ अवॉर्ड न जीतें आप और क्या? खिलाड़ी रेप के खिलाफ क्यों नहीं बोलते? क्योंकि यह राजनैतिक हो जाता है? जो भी हमारे देश में गलत बातों पर बोलता है उसे देशद्रोही करार दे दिया जााता. यह एक कल्चर बन गया है. मैं देशद्रोही कैसे हूं?'गुट्टा ने अपने आर्टिकल में JNU में हुई हिंसा का भी जिक्र किया.
'मैं पुलिस पर भरोसा करना चाहती हूं लेकिन मैंने JNU हिंसा के वीडियो देखे जहां शरारती तत्व बवाल कर रहे थे और पुलिस खड़ी थी, किसी को पकड़ नहीं रही थी. जिन्होंने भी यह किया शायद वामपंथी या दक्षिणपंथी रहे हों, लेकिन वे हैं कहां? क्यों उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया? मैं अपने साथी खिलाड़ियों से कहना चाहती हूं कि वे हिंसा की निंदा करें और छात्रों के साथ खड़े हों.'गुट्टा ने इससे पहले 23 दिसंबर को भी एक ट्वीट कर अपने साथी एथलीट्स से हिंसा के खिलाफ बोलने की अपील की थी.
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