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अयोध्या में जो मस्जिद बननी थी, उसका काम कहां अटका? योगी सरकार से ये अपील कर दी

10-12 करोड़ रुपये टैक्स का मामला भी फंसा.

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अयोध्या में राम मंदिर आधे से ज्यादा बन चुका है (फोटो- आजतक)

पिछले दिनों खबर आई थी कि अयोध्या में राम मंदिर (Ram Temple Ayodhya) के निर्माण का काम लगभग 60 फीसदी तक पूरा हो चुका है. अयोध्या में ही एक मस्जिद (Mosque) भी बननी थी. लेकिन, इसका काम अब तक शुरू भी नहीं हुआ है. खबर है कि पैसों की कमी के चलते मस्जिद का नक्शा अप्रूव नहीं हो पा रहा है. नक्शे की मंजूरी के लिए टैक्स के तौर पर 10-12 करोड़ रुपए जमा करने हैं, जिसकी अभी तक व्यवस्था नहीं हो सकी है. और इसलिए मस्जिद का काम लेट होता जा रहा है. बताया जाता है कि अब इस स्थिति को देखते हुए मुस्लिम पक्ष के लोग सरकार से एक बड़ी अपील करने वाले हैं. आपको बताएंगे कि क्या है इस अपील में? लेकिन, उससे पहले जान लेते हैं कि नक्शा पास कराने के लिए इतना ज्यादा टैक्स कैसे बन गया?

इतना ज्यादा टैक्स कैसे बन गया?

नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में मंदिर के निर्माण की इजाजत दी थी. साथ ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने को भी कहा गया था. ये अयोध्या शहर से 25 किमी दूर धन्नीपुर नाम के इलाके में बननी है. मस्जिद के काम में हो रही देरी को लेकर द हिंदू ने एक रिपोर्ट छापी है.

मस्जिद के निर्माण से जुड़े काम के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन (IICF) कमेटी बनाई. IICF को कथित तौर पर नक्शे की मंजूरी के लिए लेबर उपकर (Labour Cess) और विकास कर (Development Tax) के तौर पर लगभग 10-12 करोड़ रुपये अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) को देने हैं. ADA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विकास टैक्स, परियोजना की कुल लागत का 2-3% होता है और लेबर सेस 1%. IICF के मुताबिक, तीन चरणों वाले मस्जिद प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 300 करोड़ रुपये है. इस हिसाब से 10-12 करोड़ रुपये टैक्स बना है. 

मुस्लिम पक्ष सरकार से क्या अपील करेगा?

हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, क्राउडफंडिंग के जरिए मस्जिद निर्माण के लिए अब तक लगभग 50 लाख रुपये ही इक्ट्ठा हुए हैं. और इसलिए ही IICF अब UP सरकार से विकास टैक्स में छूट के लिए अनुरोध करने की योजना बना रहा है.

IICF के सचिव अतहर हुसैन सिद्दीकी ने बताया कि UP सरकार ने भूमि नियमों को बदलकर मस्जिद निर्माण के प्रोसेस को आसान बनाया है. उन्होंने इसके लिए सरकार का आभार भी जताया. IICF के एक सदस्य ने नाम ना छापने की शर्त पर अखबार को बताया कि वो जानते हैं कि देश में मस्जिद और मंदिर की कोई तुलना नहीं है, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि चीजें इतनी मुश्किल होंगी. उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में मस्जिद को लेकर कुछ भी नहीं हुआ. भूमि नियमों और टैक्स से जुड़े फॉर्म और NOC के लिए अलग-अलग विभाग की तरफ से देरी हो रही है. इससे पहले जनवरी 2022 में IICF ट्रस्ट ने कहा था कि अयोध्या मस्जिद का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है.

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जुड़े अधिकारियों ने हाल ही में घोषणा की थी कि 14 जनवरी, 2024 को मंदिर में मूर्ति की स्थापना होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर के लिए 3,500 करोड़ रुपये से ज्यादा इकट्ठा किए हैं. 

वीडियो: अयोध्या पहुंची शालिग्राम शिला राम मंदिर में लगेगी? इसका धार्मिक महत्व क्या है?