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"बाबरी दोहराने का सही समय आ गया", औरंगजेब विवाद के बीच मंत्री नितेश राणे का बयान

हिंदुवादी संगठन औरंगजेब की कब्र को संभाजी नगर से हटाने की मांग कर रहे हैं. उन्हीं के समर्थन में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने ये बयान दिया है.

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नीतेश राणे. (Aaj Tak)

"VHP या अन्य हिंदुत्ववादी संगठनों ने औरंगजेब की कब्र को लेकर अपनी भूमिका निभाई है. आज का दिन इस संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है. मैं मंत्री होने के नाते इस विषय पर कितना बोल सकता हूं, यह मुझे नहीं पता. लेकिन कल मैं मंत्री रहूं या न रहूं, हमेशा एक हिंदू रहूंगा. इसलिए, हर किसी को अपना काम करना चाहिए. सरकार के रूप में हम अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, और हिंदुत्ववादी संगठनों को अपना काम करना चाहिए. जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, तब किसी ने किसी से पूछकर काम नहीं किया था. कारसेवक अपने काम में लगे थे, और राज्य सरकार अपने काम में. अब बाबरी मस्जिद जैसी कार्रवाई दोहराने का सही समय आ गया है."

ये बयान है औरंगजेब की मज़ार को लेकर तनावपूर्ण माहौल वाले महाराष्ट्र की सरकार में मंत्री नितेश राणे का है. 17 मार्च की रात एक धर्म के ग्रंथ को नुकसान पहुंचाने की अफवाह से नागपुर में हिंसा फैल गई. दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई. दुकानों और घरों को निशाना बनाया गया. आगजनी हुई, लोग घायल हुए. नितेश राणे का ये बयान भी 17 मार्च का ही है. उन्होंने शिवनेरी में VHP और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच ये बातें कहीं.

ऐसा नहीं है कि नितेश राणे के इस बयान के बाद ही नागपुर में दंगा फैला, मगर मंत्री पद पर रहते हुए इस तरह का बयान देने से विपक्ष को मौका जरूर मिल गया है. राणे उस सरकार का हिस्सा हैं जो फिलहाल महाराष्ट्र में शांति और कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए जिम्मेदार है. और ऐसा भी नहीं है कि यह उनका पहला बयान है. औरंगजेब की कब्र को संभाजी नगर से हटाने की मांग का समर्थन नितेश पहले भी कर चुके हैं. 13 मार्च को उन्होंने बयान दिया था,

"जब-जब हमने शिवाजी महाराज के किलों पर हुए अतिक्रमण को हटाया तो पहले अतिक्रमण को तोड़ा और फिर ब्रेकिंग न्यूज़ दी. हिंदू समाज को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि उसका (औरंगज़ेब के कब्र का) कार्यक्रम होगा. जरूर होगा.. जो तय हुआ है, वह होकर रहेगा. सरकार के पास 5 साल हैं. अभी तो हम पिच पर आए हैं, सेंचुरी मारना है."

विकी कौशल और अक्षय खन्ना की फिल्म ‘छावा’ की रिलीज़ के बाद से हिंदुवादी संगठन औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर 17 मार्च को VHP और बजरंग दल ने महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सरकारी कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपे. इन संगठनों ने धमकी दी है कि कार्रवाई न किए जाने की स्थिति में वह छत्रपति संभाजी नगर में मार्च करेंगे और औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त कर देंगे.

इसी बीच देर रात यह अफवाह फैल गई कि एक धर्म विशेष के पवित्र ग्रंथ को नुकसान पहुंचाया गया है. इसके बाद नागपुर में भीषण हिंसा हुई. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दंगे के संबंध में विधानसभा में बताया कि हिंसा में भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. इनमें 3 डिप्टी कमिश्नर रैंक के पुलिस अधिकारी हैं. एक अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया. इसके अलावा पांच नागरिक भी घायल हुए हैं. फडणवीस ने कहा कि जिन लोगों ने पुलिस पर हमले किए हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. नागपुर में हुई हिंसा पर उन्होंने सुनियोजित दंगे की आशंका जताई है.

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