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नीदरलैंड: इजरायली फुटबॉल फैन्स पर भीड़ का हमला, कई घायल कई गिरफ्तार, पूरे यूरोप में बवाल

Amsterdam police का कहना है कि घटना के बाद शहर में अशांति फैल गई है. इसे रोकने के लिए तीन दिन के लिए किसी भी प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है. वहीं, मामले में Israel PM Benjamin Netanyahu के ऑफ़िस का भी बयान आया है.

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एजाक्स और मैकाबी तेल अवीव के बीच मैच के दौरान हिंसा शुरू हुई. (फ़ोटो - AP)

नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम में इज़रायली फ़ुटबॉल फ़ैन्स और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद, पुलिस ने क़रीब 62 लोगों को हिरासत में लिया है. वहीं, 10 घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. साथ ही साथ, तीन दिन के लिए किसी भी प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है. एमस्टर्डम की पुलिस का कहना है कि हमलावरों ने इज़रायली फ़ैन्स को निशाना बनाया (Attacks on Israeli football fans). वहीं, सोशल मीडिया पर कई ऐसे भी वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें इज़रायली फ़ैन्स अरब देशों के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे हैं. बताया जा रहा है कि इसी के बाद तनाव बढ़ गया.

हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?

दरअसल, फ़ुटबॉल की यूरोपा लीग चल रही है. 7 नवंबर को लीग में एजाक्स और मैकाबी तेल अवीव के बीच मैच हुआ. एजाक्स, एम्स्टर्डम का फ़ुटबॉल क्लब है. वहीं, मैकाबी तेल अवीव इज़रायल का. मीडिया रिपोर्ट्स के दौरान इस मैच के दौरान ही दो पक्षों में झड़प हुई. लेकिन स्टेडियम के बाहर. ब्रिटिश अख़बार गार्जियन की ख़बर के मुताबिक़, एम्स्टर्डम के पुलिस प्रमुख पीटर होला ने बताया,

दोनों तरफ से घटनाएं हुई हैं. इसकी शुरुआत तब हुई, जब मैकाबी (इज़रायली फ़ुटबॉल क्लब) के फ़ैन्स ने एम्सटर्डम के बीचों-बीच एक इमारत के सामने फिलिस्तीनी झंडा फाड़ दिया. इस दौरान 'भाड़ में जाओ फिलिस्तीन' के नारे भी लगाए गए. वहीं, एक टैक्सी में भी तोड़फोड़ की गई. 'ओले, ओले, आईडीएफ को जीतने दो, हम अरबों को मार देंगे', के नारे सुनाई दे रहे थे. इसके बाद हिंसक झड़पें शुरू हुईं, जो बढ़ती ही गईं.

इसके बाद, इज़रायली फ़ैन्स को निशाना बनाते हुए कई हमले हुए. एम्स्टर्डम के अधिकारियों ने कहा कि शहर में कई जगहों पर इज़रायली फ़ैन्स पर हमला किया गया, उन पर पटाखे फेंके गए. पुलिस को इज़रायली फ़ैन्स की सुरक्षा करने और उन्हें होटलों तक पहुंचाने के लिए कई बार रोका भी गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मैच के बाद एम्स्टर्डम के सिटी सेंटर में कई ग्रुप इज़रायली फ़ैन्स का पीछा करते दिखे.

मामला इतना बढ़ा कि एम्स्टर्डम पुलिस ने इज़रायली फ़ुटबॉल फ़ैन्स के ख़िलाफ़ ‘घृणा भरी यहूदी विरोधी हिंसा’ के आरोप में 62 गिरफ्तारियां की हैं. वहीं, इज़राइली सरकार ने एम्सटर्डम से फ़ुटबॉल फ़ैन्स को एक विमान के ज़रिए अपने देश बुलाया. जो 8 नवंबर को इज़राइल के बेन गुरियन एयरपोर्ट पर पहुंचा. मामले पर एम्स्टर्डम की मेयर फेमके हेल्सेमा का कहना है कि ये हमले यहूदी विरोधी भावना का एक विस्फोट है. उन्होंने आगे बताया,

गाड़ियों में सवार लोग शहर में इज़रायली फ़ुटबॉल फ़ैन्स की तलाश में इधर-उधर घूम रहे थे. ये एक हिट एंड रन था. मैं समझती हूं कि इससे नरसंहार की यादें ताज़ा हो गई हैं. हमारे शहर को बहुत नुक़सान पहुंचा है. यहूदी लोगों को यहां बहुत ख़तरा है.

शांति बहाल करने के लिए एम्स्टर्डम के अधिकारियों ने तीन दिनों के लिए प्रदर्शनों पर रोक लगाया है. पुलिस को इमरजेंसी रोक-और-तलाशी की शक्तियां दी गई हैं. पुलिस का कहना है कि ‘किडनैपिंग या बंधक बनाने’ का कोई सबूत नहीं मिला है, हालांकि पुलिस जांच में जुटी हुई है. जांच के लिए कई टीमें बनाई गई हैं.

एजाक्स और मैकाबी तेल अवीव के बीच मैच जोहान क्रूफ़ एरेना नाम की जगह पर हुआ था. इसमें एजाक्स एम्स्टर्डम ने मैकाबी को 5-0 से हराया. हालांकि, पुलिस का कहना है कि मैच के दौरान किसी प्रकार की परेशानी की ख़बर नहीं मिली. फ़ैन्स बिना किसी घटना के स्टेडियम से बाहर चले गए. जो भी घटनाएं हुईं, वो स्टेडियम के बाहर हुईं. इज़राइल, अमेरिका और नीदरलैंड के लीडर्स ने हमलों की निंदा की है.

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इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफ़िस की तरफ़ से इसे लेकर एक बयान जारी किया गया. बयान में घटना की निंदा की गई और मांग की गई कि डच यहूदी समुदाय के लोगों के लिए सुरक्षा बढ़ाई जाए. वहीं, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ़ ने इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया और कहा कि उन्होंने नेतन्याहू से फ़ोन पर बात की है. ताकि इस बात पर ज़ोर दिया जा सके कि अपराधियों की पहचान की जाएगी और उन पर मुकदमा चलाया जाएगा.

वहीं, यूरोपियन यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि वो इस घटना से ग़ुस्से में हैं, मामले पर पुख्ता जांच होनी चाहिए. जबकि यूरोप में फ़ुटबॉल की नियामक संस्था UEFA ने कहा कि वो हिंसा की घटनाओं की कड़ी निंदा करती है. संयुक्त राष्ट्र ने भी हिंसा को बहुत परेशान करने वाला बताया है.

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