असम सरकार ने राज्य में बाल विवाह (Child marriage) के खिलाफ अभियान चलाया है. बाल विवाह के मामले में 2 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस बीच खबर है कि राज्य सरकार की कार्रवाई के चलते एक महिला ने कथित रूप से सुसाइड कर लिया. बताया जा रहा है कि महिला को डर था कि उसकी बचपन में शादी कराने के आरोप में उसके पिता की गिरफ्तारी हो सकती है.
असम में 2000 लोगों की गिरफ्तारी के खिलाफ सड़कों पर उतरी महिलाएं, CM बोले- कोई सहानुभूति नहीं
पिता पर कार्रवाई होगी, इस डर से एक महिला ने सुसाइड कर लिया.
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक सुसाइड का ये मामला असम (Assam) के मानकाचर की है. 27 साल की मृतक महिला का नाम सीमा खातून था. सीमा के पिता ने उनकी शादी बचपन में ही करा दी थी. 2 साल पहले सीमा के पति की कोविड-19 से मौत हो गई थी. तब से सीमा अपने पिता के साथ रहती थीं. रिपोर्ट के मुताबिक सीमा को डर था कि बाल विवाह के मामलों में पुलिस की कार्रवाई में उनके पिता की भी गिरफ्तारी हो सकती है. बाल विवाह के खिलाफ चल रही पुलिस कार्रवाई के डर से उन्होंने ये कदम उठाया. सीमा की मौत के बाद 4 फरवरी को इलाके के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.
विरोध में निकलीं महिलाएंअसम के कई इलाकों में बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का विरोध हो रहा है. लोग अपने परिवार के सदस्यों को रिहा करने की मांग कर रहे हैं. 4 फरवरी को जगह-जगह बड़ी संख्या में महिलाएं अपने पतियों और बेटों की गिरफ्तारी के विरोध में बाहर निकलीं.
माजुली जिले में 55 साल की निरोदा डोले ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा,
केवल आदमियों को ही क्यों पकड़ा जा रहा? हम और हमारे बच्चे कैसे जिंदा रहेंगे? हमारे पास आय का कोई साधन नहीं है.
नाम नहीं बताने की शर्त पर बारपेटा जिले की एक महिला ने कहा कि उनका बेटा एक नाबालिग लड़की के साथ भाग गया था. महिला का सवाल था,
मेरे बेटे ने गलती की, लेकिन मेरे पति को क्यों गिरफ्तार किया?
मोरीगांव की मोनोवारा खातून ने कहा,
सीएम सरमा ने क्या कहा?मेरी बहू 17 साल की थी जब उसकी शादी हुई थी. अब वह 19 साल की है और पांच महीने की गर्भवती है. उसकी देखभाल कौन करेगा?
वहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा है कि इन मामलों में कोई सहानुभूति नहीं दिखाई जाएगी. 4 फरवरी को CM ने कहा,
एक छोटी लड़की शादी हो जाने और इसके बाद जिन हालात से गुजरती है... मुझे इसे रेप ही कहना पड़ेगा... क्या हमने उस लड़की के दर्द के बारे में सोचा है? भविष्य में लाखों लड़कियों को इससे (बाल विवाह से) बचाने के लिए एक पीढ़ी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. यहां सहानुभूति का सवाल ही नहीं है... असम में बाल विवाह बंद होना चाहिए और इसके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. मैंने जिलाधिकारियों से कहा है कि अगर पति के जेल में होने से किसी को आर्थिक परेशानी है, तो सरकार मदद कर सकती है.
उन्होंने कहा कि यह अभियान जारी रहेगा.
सीएम हिमंता बिस्व सरमा पिछले कई दिनों से बाल विवाह में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे थे. सरमा ने कहा था कि पिछले 7 सालों में जो भी बाल विवाह का हिस्सा रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बाल विवाह के 4 हजार से ज्यादा केस दर्जबीती 23 जनवरी को सीएम सरमा ने कहा था कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ शादी करने वालों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज होगा. पॉक्सो यानी यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण कानून. वहीं 14 से 18 साल की लड़कियों की शादी के मामले में बाल विवाह कानून के तहत केस दर्ज किया जा रहा है.
असम में शनिवार, 5 फरवरी की शाम तक 2,258 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बाल विवाह में शामिल हुए 57 काजी और पुरोहित को भी गिरफ्तार किया गया है. असम पुलिस के महानिदेशक (DGP) जीपी सिंह ने बताया कि अब तक पूरे असम में बाल विवाह के 4074 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं 8,134 लोगों की पहचान आरोपी के तौर पर की गई है.
वीडियो: असम मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने क्या बड़ी कार्रवाई के आदेश दे दिए?