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'मुसलमानों के वोट नहीं चाहिए क्योंकि...', असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने अब क्या बोल दिया?

'भाजपा और मुसलमानों का रिश्ता लेन-देन का नहीं बनना चाहिए.'

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हिमंता बिस्वा सरमा ने मुस्लिम वोट को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा (साभार - पीटीआई)

हाल में सब्जी की बढ़ती कीमतों के लिए 'मिया मुसलमानों' को जिम्मेदार ठहराने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अब कहा है कि उन्हें अभी मुसलमानों के वोट नहीं चाहिए. हिमंता ने एक इंटरव्यू में कहा है कि वो वोट बैंक की राजनीति नहीं करेंगे. उन्होंने दावा किया कि वो विकास को राजनीति से नहीं जोड़ते हैं. कांग्रेस पर वोट बैंक की पॉलिटिक्स का आरोप लगाते हुए सरमा ने कहा कि कांग्रेस का मुसलमानों से रिश्ता वोट का है. 

हिमंता बिस्वा सरमा ने न्यूज़ चैनल एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा कि वो पहले 10-15 साल तक मुसलमानों के लिए काम करेंगे और फिर उनसे वोट मागेंगे. सरमा ने कहा,

“फिलहाल, हमें मुस्लिम वोट नहीं चाहिए. सभी समस्याएं वोट बैंक की राजनीति के कारण होती हैं. मैं हर महीने एक बार मुस्लिम इलाके में जरूर जाता हूं, उनके कार्यक्रमों में शामिल होता हूं और लोगों से मिलता हूं, लेकिन मैं राजनीति को विकास से नहीं जोड़ता हूं. मैं चाहता हूं कि मुसलमानों को एहसास हो कि कांग्रेस के साथ उनका रिश्ता वोटों के बारे में है.”

हिमंता पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बयानबाजी का आरोप लगता रहा है. पिछले महीने गुवाहाटी में सब्जी की बढ़ती कीमतों पर जब उनसे पूछा गया था तो सरमा ने जवाब दिया था कि इसके पीछे मिया व्यापारी हैं. हालांकि अब हिमंता ने मुसलमानों से कहा कि वो उनके लिए काम करना चाहते हैं. उन्होंने बताया,

“मुझे (अभी) वोट मत दीजिए. मुझे अगले 10 सालों में अपने क्षेत्रों का विकास करने दीजिए. मैं ये सुनिश्चित करना चाहता हूं कि बाल विवाह प्रथा समाप्त हो, मदरसों में जाना बंद हो. इसके बजाय आप कॉलेज जाइए. मैं विशेष रूप से मुस्लिम बेटियों के लिए 7 कॉलेज का उद्घाटन करने जा रहा हूं.”

असम के मुख्यमंत्री का दावा है कि BJP और मुसलमानों का रिश्ता सिर्फ वोट का नहीं है. सरमा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मुस्लिम इलाकों में बुनियादी स्कूल नहीं बनाए थे. लेकिन वे उनका विकास करना चाहते हैं. उन्होंने कहा

“मैं 10-15 साल तक उनके लिए काम करूंगा. फिर मुसलमानों से वोट मांगूंगा. अगर अभी मैं उनसे वोट मांगता हूं तो ऐसे लगेगा कि हमारा लेन-देन का रिश्ता है. मैं नहीं चाहता कि यह लेन-देन का रिश्ता बने. मैंने असम के पिछले विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम इलाकों में प्रचार नहीं करने का फैसला किया था. 2016 और 2020 में प्रचार के दौरान मैं मुस्लिम इलाकों में नहीं गया. मैंने कहा था कि मैं चुनाव जीतने के बाद ही जाऊंगा. इस बार भी मैं उनसे कह रहा हूं कि आप जिसे चाहें वोट दें. बीजेपी उनके इलाके में प्रचार नहीं करेगी.”

2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 126 में से 60 सीट जीतकर लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी. 2016-2021 तक सर्बानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री थे. उस कार्यकाल में हिमंता स्वास्थ्य मंत्री थे. 2021 में चुनाव जीतने के बाद वो असम के मुख्यमंत्री बन गए. हिमंता को पूर्वोत्तर राज्यों में बीजेपी की पकड़ मजबूत करने का श्रेय भी दिया जाता है.

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