वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में बीते चार दिनों से ASI सर्वे का काम जारी है. माना जा रहा है कि ASI को लगभग महीने भर का वक़्त लगेगा ये काम पूरा करने में. ऐसे में शुरुआती 4 दिनों में ही कई ऐसी बातें आईं जिनको लेकर जम कर चर्चा हो रही है. कोई बड़े दावे कर रहा है तो कोई इन दावों को अफ़वाह बता रहा है. इसलिए हम आपको बताते हैं कि अब तक के सर्वे में क्या कुछ हुआ है.
'अफवाहों' को अलग रख जानें ज्ञानवापी सर्वे में अब तक क्या-क्या हुआ है?
ASI ने सर्वे से जुड़ीं बातों को बाहर लीक करने और अफवाहों पर नाराजगी जाहिर की है. उसने कोर्ट का हवाला देते हुए अधिकारियों से अपील की है कि सर्वे से जुड़ी कोई भी बात बाहर ना जाए.
सर्वे के काम में अब भी अड़चन है?
भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने हाई कोर्ट की मंज़ूरी के बाद शुक्रवार, 4 अगस्त की सुबह ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का काम शुरू किया. उसी दिन मुस्लिम पक्ष की अर्ज़ी को ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वे की इजाज़त दे दी थी. ऐसे में अब सर्वे का काम होगा या नहीं, इस पर कोई संदेह नहीं रहा. वाराणसी ज़िला अदालत के आदेश पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद अब सर्वे के काम में अड़चन जैसी कोई बात नहीं रह गई है.
सर्वे में पहले दिन क्या-क्या हुआ?
शुक्रवार, सुबह 7 बजे ASI की टीम ज्ञानवापी परिसर पहुंची और सर्वे का काम शुरू किया. जुमे का दिन होने की वजह से सर्वे के काम को दोपहर 12 बजे ख़त्म कर दिया गया. यानी पहले दिन सिर्फ 5 घंटे तक सर्वे का काम हुआ. शुरुआत में सर्वे से जुड़ी काग़ज़ी कार्रवाई की गई. ASI की टीम ने ज्ञानवापी परिसर का डिजाइन तैयार किया और दीवारों और आसपास के इलाके से साक्ष्य इकट्ठा किए. पहले दिन मुस्लिम पक्ष सर्वे में शामिल नहीं हुआ था.
सर्वे के दूसरे दिन क्या हुआ?
ASI सर्वे के दूसरे दिन सर्वे का काम क़रीब 9 घंटों तक चला. कोर्ट के आदेश के मुताबिक़ वजूखाने वाले सील्ड इलाक़े को छोड़कर पूरे परिसर का मुआयना किया गया. मस्ज़िद के तीनों गुम्बदों के नीचे सर्वे टीम ने जांच की. ASI की टीम के साथ सर्वे के काम के दौरान फ़ोटो और वीडियो बनाने वाले भी मौजूद रहे. जिन ‘प्रतीक चिह्नों’ को लेकर हिंदू पक्ष दावे कर रहा है, उनकी फोटोग्राफी भी की गई. दूसरे दिन मुस्लिम पक्ष की तरफ से 5 प्रतिनिधि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मौजूद रहे.
तीसरे दिन का ब्यौरा
ज्ञानवापी में रविवार को सर्वे का तीसरा दिन था. सुबह 8 बजे सर्वे का काम शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक चला. बीच मे 2 घंटों का लंच ब्रेक भी हुआ. यानी सर्वे का काम कुल 7 घंटों तक चला. तीसरे दिन ASI ने वैज्ञानिक तरीक़े से सर्वे का काम किया. उसने ग्राउंड पेनिटरेटिंग राडार (जीपीआर) तकनीक का इस्तेमाल किया. हिंदू पक्ष के वक़ील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर की पश्चिमी दीवार से लेकर लोहे की बैरिकेडिंग तक के इलाक़े में जो घास उगी हुई थी, उसको हटाया गया. साथ ही तहखाने की भी सफाई की गई.
चौथे दिन सर्वे में क्या हुआ?
चौथे दिन यानी सोमवार, 7 अगस्त को सर्वे थोड़ी देर से शुरू हुआ. सावन के महीने में सोमवार के दिन बाबा विश्वनाथ के भक्तों की भीड़ की वजह से सर्वे के काम को सुबह 10.30 बजे शुरू किया गया. सोमवार से सर्वे के काम का अगला चरण शुरू हुआ है. इसमें जीपीआर का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये एक ऐसी तकनीक है, जिसमें मशीन किसी जगह पर क़रीब 10 मीटर तक की गहराई में क्या है, ये पता लगा सकती है.
ASI की टीम कोर्ट के आदेश के हिसाब से सर्वे का काम कर रही हैं. इस दौरान उसने सर्वे से जुड़ीं बातों को बाहर लीक करने और अफवाहों पर नाराजगी जाहिर की है. ASI ने कोर्ट का हवाला देते हुए अधिकारियों से अपील की है कि सर्वे से जुड़ी कोई भी बात बाहर ना जाए.
वीडियो: ज्ञानवापी सर्वे के दौरान उड़ रही 'अफवाहों' पर मुस्लिम पक्ष बोला- 'सर्वे का बहिष्कार कर देंगे'