अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के घर के रिनोवेशन में 45 करोड़ रुपये के खर्च को विपक्षी पार्टी BJP ने मुद्दा बना लिया है. BJP ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को ‘शीशमहल का राजा’ बताया है. साथ ही साथ इस्तीफे की मांग की है. इधर, AAP ने भी जवाब दिया है. पार्टी की तरफ से कहा गया है कि घर 80 साल पुराना है. उसके कई कमरों की छत गिर गई है. मरम्मत की जरूरत है. पार्टी ने PM मोदी के घर और उसके रिनोवेशन का जिक्र किया है.
"केजरीवाल के घर 45 करोड़ लगे"- BJP के बवाल पर AAP ने PM के कौन से खर्च याद दिलाए?
घर के ऊपर BJP-AAP वाले भयंकर भिड़े हुए हैं.
AAP ने एक बयान में कहा,
1942 में बनाया गया वो घर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था. वहां तीन बार गंभीर घटनाए हुईं. एक बार मुख्यमंत्री के माता-पिता के कमरे की छत गिरी. CM के बेडरूम की छत गिरी और फिर उनके ऑफिस की छत गिरी. इसके बाद PWD ने नए घर के निर्माण की सिफारिश की. वो घर CM का नहीं है. सरकार द्वारा आवंटित है.
AAP ने आगे कहा,
PM के नए घर की अनुमानित कीमत 467 करोड़ रुपये है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वास्तविक लागत 20,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इसके अलावा PM के रेस कोर्स वाले घर के रिनोवेशन की लागत अनुमान से तीन गुना ज्यादा थी. 27 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के बदले 89 करोड़ रुपये का रिनोवेशन किया गया. पिछले कुछ महीनों में सिर्फ दिल्ली के LG हाउस की मरम्मत पर ही 15 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल ने 44.78 करोड़ रुपये से अपने घर का सौंदर्यीकरण कराया है. इधर, AAP का कहना है कि BJP के लोग जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं. कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी ट्वीट कर CM केजरीवाल का शपथ पत्र दिखाया जिसमें उन्होंने कोई सरकारी सुविधा नहीं लेने का जिक्र किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में जब केजरीवाल इस घर में आए तब वो लगभग 1,400 वर्गमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ था. इसमें ग्राउंड और पहला फ्लोर शामिल था. दस्तावेजों से पता चलता है कि रिनोवेशन के बाद, घर में एक अतिरिक्त मंजिल है और कुल क्षेत्रफल बढ़कर 1,905 वर्गमीटर हो गया है.
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