दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) तिहाड़ जेल में हैं. 15 अप्रैल तक की न्यायिक हिरासत में यहीं रहेंगे. इस दौरान जेल में मिलने के लिए उन्होंने 6 लोगों के नाम दिए हैं. जेल के नियमों के मुताबिक वो 10 लोगों के नाम दे सकते हैं. साथ ही जरूरत पड़ने पर वो इन नामों में बदलाव भी कर सकते हैं. जेल में उन्होंने 3 किताबों को भी साथ रखने की अनुमति मांगी है. इन किताबों के नाम हैं- रामायण, भगवत गीता और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी की लिखी किताब हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड.
जेल में इन 6 लोगों से मिल सकते हैं CM केजरीवाल, छठा शख्स कौन है?
Arvind Kejriwal तिहाड़ की जेल नंबर 2 के बैरक में अकेले रह रहे हैं. ये बैरक 14 फीट लंबी और 8 फीट चौड़ी है. इसके अंदर एक TV है और सीमेंट का एक चबूतरा बना है. बैरक के बाहर 4 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे.

इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, CM केजरीवाल ने जेल में मिलने के लिए अपने परिवार के 3 सदस्यों के अलावा, अपने पीए और दो दोस्तों का नाम दिया है. इनके नाम हैं-
सुनीता केजरीवाल | पत्नी |
पुलकित | बेटा |
हर्षिता | बेटी |
विभव कुमार | पीए |
संदीप पाठक | दोस्त |
एक और दोस्त |
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अरविंद केजरीवाल तिहाड़ की जेल नंबर 2 के बैरक में अकेले रह रहे हैं. ये बैरक 14 फीट लंबी और 8 फीट चौड़ी है. इसके अंदर एक TV है और सीमेंट का एक चबूतरा बना है. बैरक के बाहर 4 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे.
यहां की जेल नंबर 1 में मनीष सिसोदिया और जेल नंबर 5 में संजय सिंह बंद हैं. जेल नंबर 7 में सत्येंद्र जैन और जेल नंबर 6 में के कविता को रखा गया है. तिहाड़ की जेल नंबर 4 में विजय नायर को रखा गया है. ये सब दिल्ली के कथित शराब घोटाले के आरोपी हैं.
वहीं इसी तिहाड़ जेल में देश के कई खतरनाक कैदी भी बंद हैं. इनमें आतंकियों से लेकर, अंडरवर्ल्ड डॉन और कई कुख्यात गैंगस्टर तक शामिल हैं.
21 मार्च को केजरीवाल को ED ने गिरफ्तार कर लिया था. राउज एवेन्यू कोर्ट ने ED को केजरीवाल की 28 मार्च तक की कस्टडी दी थी. इसके बाद इसको बढ़ाकर 1 अप्रैल तक कर दिया गया था. 1 अप्रैल को ED ने केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी.
दिल्ली की शराब नीति क्या थी?मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का एलान किया था. इसे लागू किया गया- 17 नवंबर 2021 को. इसके बाद शराब का कारोबार सरकार के हाथों से पूरी तरह निजी हाथों में चला गया. सरकार का तर्क का था कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा. हालांकि, इस नई व्यवस्था पर काफी विवाद हुआ. इसके बाद 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर दिया गया था.
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