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अरुणाचल प्रदेश में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, गिरफ़्तार 21 लोगों में राज्य के बड़े अफ़सर भी शामिल

Arunachal Pradesh में पुलिस द्वारा बाल तस्करी और सेक्स रैकेट के कई लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इन गिरफ़्तार लोगों राज्य के कई बड़े अफ़सरों के नाम सामने आए हैं.

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अरुणाचल में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़. (प्रतीकात्मक तस्वीर - इंडिया टुडे)

अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में पुलिस ने बाल तस्करी और सेक्स रैकेट पर कार्रवाई की है (Crackdown On Child Trafficking And Sex Racket) . मामले में 21 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ़्तार लोगों में एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय में एक उप निदेशक सहित कई सरकारी अफ़सर शामिल हैं. पिछले 10 दिनों में पुलिस ने राजधानी ईटानगर (Itanagar) और आसपास के तीन अलग-अलग जगहों से 5 लड़कियों को बचाया है.

बचाई गई 5 लड़कियों में एक 10 साल की, एक 12 साल की और तीन 15 साल की हैं. सभी 5 लड़कियों को असम के गांवों से तस्करी करके ईटानगर लाया गया था. पुलिस ने कहा कि उनमें से दो लड़कियों, जिनकी उम्र 10 और 12 साल है वो 8 साल की उम्र में ही तस्करी के ज़रिए ईटानगर लाई गई थीं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, गिरफ़्तार किए गए 21 लोगों में से 10 पर सर्वाइवर्स की तस्करी करने, ग्राहकों को बुलाने और पीड़ितों को ग्राहकों तक ले जाने के आरोप हैं. बाक़ी 11 लोगों की पहचान 'ग्राहकों' के रूप में हुई है, जिन्होंने कथित तौर पर पीड़ितों का यौन उत्पीड़न किया था.

जो अफ़सर इस मामले में फंसे हैं, उनमें अरुणाचल पुलिस के डिप्टी SP बुलंद मारिक, स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के उप निदेशक डॉ. सेनलर रोन्या, अरुणाचल पुलिस के कॉन्स्टेबल तोई बागरा, लोक निर्माण विभाग के एसिसटेंट ताकम लैंगडिप और ग्रामीण कार्य विभाग के जूनियर इंजीनियर मिची ताबिन शामिल हैं. गिरफ़्तार आरोपियों पर IPC की धारा 373 (वेश्यावृत्ति आदि के प्रयोजनों के लिए नाबालिग को खरीदना), POCSO एक्ट और अनैतिक तस्करी एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. राजधानी पुलिस के SP रोहित राजबीर सिंह ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों की गिरफ़्तारी की ख़बर उनके मूल विभागों को दे दी गई है. उन्होंने कहा,

"हमें 4 मई को बाल तस्करी और वेश्यावृत्ति के गिरोह के बारे में जानकारी मिली. शुरुआती जानकारी के बाद 2 नाबालिग लड़कियों को पड़ोसी राज्यों से तस्करी करके लाया गया था. उनका दुरुपयोग किया जा रहा था. 2 जगहों की छापेमारी के बाद 4 लड़कियों को बचाया गया. पुलिस को ये भी पता चला कि गिरोह का नेतृत्व दो बहनें कर रही थीं. एक पुष्पांजलि मिली, जो ईटानगर में ब्यूटी पार्लर चलाती थीं और दूसरी पूर्णिमा मिली जो गुवाहाटी में रहती हैं. दोनों मूल रूप से असम के धेमाजी ज़िले की रहने वाली हैं."

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SP राजबीर सिंह ने आगे बताया कि ये लोग अपने गृह ज़िले से ग़रीब घरों को टारगेट करते थे. लड़कियों के माता-पिता को बताते थे कि वो उन पर भरोसा कर सकते हैं. लड़कियों को अलग-अलग सालों में लाया गया था. शुरुआती 1-2 महीने उन्हें पार्लर में काम कराया जाता है, लेकिन बाद में उन्हें सेक्स वर्क में धकेल दिया जाता है.आरोपियों ने वॉट्सऐप ग्रुप बनाए थे जहां वे पीड़ितों की तस्वीरें 'दरों' के साथ शेयर करते थे. सिंह ने बताया कि सर्वाइवर्स फिलहाल बाल कल्याण गृह (Child Welfare Home) में हैं. उनका उपचार किया जा रहा है. उन्हें साइकोलॉजिकल काउंसलिंग भी दी जाएगी.

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