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सुप्रीम कोर्ट में गूंजा 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का मुद्दा, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में क्या हुआ था?

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मत अकबर लोन से जुड़ा है मामला.

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सरकार ने कहा कि लोन जम्मू कश्मीर विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के लिए माफी मांगे. (फोटो- PTI)

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बहस जारी है. इस बीच कोर्ट में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का जिक्र हुआ. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जम्मू-कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के नेता मोहम्मद अकबर लोन (Mohammad Akbar Lone) ने विधानसभा में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए थे. 4 सितंबर की सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि मोहम्मद अकबर लोन को इसके लिए माफी मांगनी होगी.

मोहम्मद लोन इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता हैं. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को केंद्र की तरफ से पक्ष रखने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि मोहम्मद लोन को ये बताना होगा कि वो संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं या नहीं. आगे तुषार मेहता ने कहा कि सदन में नारे लगाने के लिए लोन को माफी भी मांगनी होगी.

केंद्र सरकार की इस दलील पर पांच जजों की बेंच ने मोहम्मद लोन से उनका पक्ष जानने की बात कही. बेंच ने बताया कि जब लोन की जवाबी दलीलों की बारी आएगी तो वो उनसे बयान मांगेंगे. इस पर तुषार मेहता ने कहा,

“सीनियर लीडर्स की तरफ से दिए गए इन बयानों का अपना प्रभाव होता है. अगर माफी नहीं मांगी गई तो इससे दूसरे लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा. जिससे जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति लाने के लिए उठाए गए कदमों पर असर पड़ेगा.”

2010 में दिया था बयान!

वहीं इस मामले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और मोहम्मद अकबर लोन के बेटे हिलाल अकबर लोन ने ANI को बताया,

“ये घटना शायद 2010 में हुई थी. आज इसे इसलिए उठाया गया है क्योंकि चुनाव आने वाले हैं.”

हिलाल ने आगे बताया कि मोहम्मद अकबर के खिलाफ जो भी आरोप लगाए हैं, उन्हें लेकर वो कोर्ट के निर्देशों का पालन करेंगे. हिलाल ने कहा कि इससे आर्टिकल 370 पर उनकी याचिका में किसी भी तरह का असर नहीं पड़ेगा.  

NGO ने उठाए थे सवाल

इससे पहले 1 सितंबर को ‘रूट्स इन कश्मीर’ नाम के NGO ने सुप्रीम कोर्ट में मोहम्मद लोन पर सवाल खड़े किए थे. संगठन ने दावा किया था कि लोन अलगाववादी ताकतों के समर्थक थे. समूह ने आरोप लगाते हुए कहा था कि लोन को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी ताकतों के समर्थक के रूप में जाना जाता है, जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं.

NGO ‘रूट्स इन कश्मीर’ ने लोन पर आरोप लगाते हुए ये भी बताया था कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए थे. ‘रूट्स इन कश्मीर’ के मुताबिक लोन ने ये नारे 2002 से 2018 के बीच लगाए थे, जब वो विधायक थे.       

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