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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के खाने से 'सैकड़ों' स्टूडेंट्स बीमार, अस्पताल में भारी भीड़ लगी

खबरों के मुताबिक लगभग 100 छात्राओं का अस्पताल में इलाज चल रहा है. हालांकि यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने बताया कि फूड पॉइंजनिंग की शिकायत करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या इससे कहीं ज्यादा है.

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छात्राओं ने प्रदर्शन किया तब जाकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया (फोटो- सोर्स)

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में फूड पॉइजनिंग की शिकायत के बाद दर्जनों छात्र-छात्राओं को अस्पताल में एडमिट कराना पड़ा है (AMU food poisoning). यूनिवर्सिटी के एक छात्र अली नवाज ने ये जानकारी दी है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 100 स्टूडेंट्स को फूड पॉइजनिंग की शिकायत के बाद जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. इनमें ज्यादातर छात्राएं हैं. उधर कई स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी प्रशासन पर ढिलाई बरतने का आरोप लगा रहे हैं. वे फूड पॉइजनिंग के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

दी लल्लनटॉप को छात्र ने बताया कि यूनिवर्सिटी में 17 अक्टूबर के दिन सर सैय्यद डे मनाया जा रहा था. इस मौके पर यूनिवर्सिटी की तरफ से भोज का आयोजन किया गया था. AMU के हजारों छात्र-छात्राएं इसमें शामिल हुए थे. लेकिन खाना खाने के बाद कई छात्राओं की तबियत बिगड़ गई. इनमें से ज्यादातर छात्राएं बेगम अजीजुन निशां हॉस्टल में रहती हैं. यूनिवर्सिटी से Phd कर रहे अली नवाज ने लल्लनटॉप को बताया कि फूड पॉइजनिंग की शिकायत करने वाली स्टूडेंट्स की संख्या '500' है. उन्होंने कहा,

“हॉस्टल में खाने की व्यवस्था पहले भी काफी गड़बड़ रहती थी. हमने कई बार इसको लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन से शिकायत भी की, लेकिन किसी ने भी हमारी नहीं सुनी. सर सैय्यद अहमद डे पर आयोजित किए गए भोज के बाद लगभग 500 छात्राओं को फूड पॉइजनिंग हो गई.”

नवाज ने आगे बताया कि, जब इसकी शिकायत लेकर छात्राएं गईं तो हॉस्टल मैनेजर ने कहा कि उन्होंने ज्यादा खा लिया था इस वजह से ये हुआ. छात्र ने कहा,

“हॉस्टल मैनेजर सुबुही खान ने हमारी बातों को अनदेखा किया. छात्राओं को उपचार के लिए भी नहीं भेजा गया. जिसके बाद छात्राएं प्रदर्शन करने लगीं. तब जाकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.”

छात्रों के मुताबिक इस मामले में अभी तक किसी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. यूनिवर्सिटी के छात्र मामले की जांच कराए जाने की बात कह रहे हैं.

फिलहाल, यूनिवर्सिटी में स्वास्थ्य विभाग की टीम हॉस्टल की छात्राओं की जांच कर रही है. जिन छात्राओं की हालत ज्यादा बिगड़ी है, उन्हें अस्पताल भेजा गया है. मामले की जांच के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया है.

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