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इस टेस्ट को पास करने वाले अग्निवीर ही 4 साल बाद परमानेंट नौकरी पाएंगे!

अग्निवीरों के स्थाई नौकरी पाने का तरीका आर्मी ने बता दिया

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केंद्र सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना लॉन्च की थी (फोटो- आज तक)

अग्निपथ स्कीम के तहत सेना में भर्ती होने वाले अग्निवीरों को चार साल से ज्यादा सर्विस करने का मौका मिलेगा. इसके लिए अग्निवीरों को एक टेस्ट पास करना होगा. टेस्ट के आधार पर उनका मूल्यांकन कर उनकी सर्विस को आगे बढ़ाया जाएगा.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये जानकारी सेना के एक अधिकारी ने साझा की है. अधिकारी के मुताबिक अग्निवीरों का मूल्यांकन जिस टेस्ट के आधार पर होगा, उसमें कई पैरामीटर होंगे. टेस्ट में ऑपरेश्नल एप्टीट्यूड, हथियार चलाने की दक्षता, फिजिकल फिटनेस और बाकी तरह के स्किल्स का मूल्यांकन किया जाएगा. इनके आधार पर ही एक अग्निवीर को चार साल बाद सर्विस में रोका जाएगा.

गैलेंट्री सम्मान वालों को वरीयता दी जाएगी

रिपोर्ट के मुताबिक जिन अग्निवीरों को कोई भी गैलेंट्री सम्मान मिला होगा, उन्हें चार साल बाद सर्विस एक्सटेंशन में वरीयता दी जाएगी. मूल्यांकन के आधार पर ये निर्धारित किया जाएगा कि किसे सर्विस के रेगुलर काडर में 15 साल के लिए रखा जाता है. या कौन चार साल के लिए ही सर्विस में रहेगा.

सेना के अधिकारी के मुताबिक टेस्ट में ऑपरेश्नल एप्टीट्यूड को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है. ऑपरेश्नल एप्टीट्यूड के कुल 39 प्रतिशत नंबर होंगे. इसका आंकलन हर साल किया जाएगा. वहीं फिजिकल फिटनेस, फायरिंग और ड्रिल का हर छह महीने में आंकलन होगा. इसके कुल 36 प्रतिशत नंबर होंगे. इसके बाद बात आती है लिखित और प्रैक्टिकल टेस्ट की. ये टेस्ट पहले और चौथे साल में कराया जाएगा. इसके कुल 25 प्रतिशत नंबर होंगे.

इस मामले से जुड़े दूसरे अधिकारी ने बताया कि मूल्यांकन और स्क्रीनिंग पूरे पारदर्शी तरीके से की जाएगी. इसके लिए ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा. जिन अग्निवीरों को गैलेंट्री सम्मान मिला होगा उन्हें कुछ अंक अलग से दिए जाएंगे. वहीं जो भी अनुशासन का पालन नहीं करेगा उसको नेगेटिव अंक दिए जाएंगे. यानी उसके अंक काटे जाएंगे.

अग्निपथ ट्रेनिंग शुरू

14 जून, 2022 को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना लॉन्च की थी. अग्निपथ योजना के अंतर्गत युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा. इस योजना के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के युवाओं को ही इस योजना का लाभ मिलेगा. ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी. चार साल के आखिर में लगभग 75 फीसदी सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें आगे के रोजगार के अवसरों के लिए सशस्त्र बलों में वरीयता मिलेगी. चार साल पूरे होने पर सिर्फ 25 फीसदी को ही स्थाई काडर में भर्ती किया जाएगा.

भारतीय सेना में अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग 2 जनवरी 2023 से शुरू हुई थी. पहले फेज में 19 हजार से ज्यादा अग्निवीरों को ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया है. वहीं ट्रेनिंग का दूसरा फेज 1 मार्च 2023 से शुरू होगा. इसमें करीब 21 हजार अग्निवीरों को ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसके बाद मई और नवंबर के महीने में बाकी बैच बुलाए जाएंगे.

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